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टमाटर : फलों के फटने से न हो जाए नुकसान, इस तरह करें बचाव
टमाटर : फलों के फटने से न हो जाए नुकसान, इस तरह करें बचाव
टमाटर का उपयोग मुख्य रूप से सलाद के तौर पर किया जाता है। इसके अलावा पके एवं कच्चे टमाटर से सब्जी, सूप, चटनी, सॉस, आदि भी तैयार किए जाते हैं। टमाटर की मांग लगभग सभी मौसम में बनी रहती है। इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। लेकिन कई बार टमाटर के फल फटने लगते हैं, जो मुनाफे की जगह नुकसान पहुंचा सकती है। इस समस्या से बचने के लिए टमाटर के फलों के कारणों के साथ बचाव के तरीकों की जानकारी होना भी आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार में जानकारी प्राप्त करें।
फलों के फटने का कारण
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मिट्टी में नमी की कमी एवं सही समय सिंचाई नहीं करने से फल फटने लगते हैं।
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बोरान की कमी होने पर भी फलों के फटने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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तापमान में बदलाव के कारण भी फल फटने लगते हैं।
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पौधों में फूल निकलने के समय अत्यधिक मात्रा में नाइट्रोजन का प्रयोग करने से फलों के फटने की समस्या शुरू हो सकती है।
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पोटाश की कमी से भी यह समस्या होती है।
फलों को फटने से बचाने के तरीके
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मिट्टी में नमी की कमी दूर करने के लिए एक निश्चित अंतराल पर सिंचाई करें।
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बोरान की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 किलोग्राम देहात नियोबोर का प्रयोग करें।
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पौधों में फूल आने के बाद यूरिया का प्रयोग करने से बचें। यूरिया की जगह पानी में घुलनशील एनपीके 19:19:19 उर्वरक का प्रयोग करें।
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पौधों में पोटाश की कमी पूरी करने के लिए खेत तैयार करते समय उचित मात्रा में पोटाश मिलाएं।
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प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम बोरान 20 प्रतिशत के साथ स्टीकर मिला कर प्रयोग करें।
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