डाउनी मिल्ड्यू रोग को मृदुरोमिल आसिता रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग एक फफूंद जनित रोग है। मौसम के बदलने पर इस रोग के होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इस रोग के होने पर 30 से 40 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। तरबूज की फसल को डाउनी मिल्ड्यू रोग से बचाने के लिए इस रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
डाउनी मिल्ड्यू रोग का लक्षण
रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
इन धब्बों पर सफेद रंग की परत भी देखी जा सकती है।
रोग बढ़ने के साथ इन धब्बों के आकार में भी वृद्धि होती है।
कुछ ही दिनों बाद तने पर भी धब्बे फैलने लगते हैं।
डाउनी मिल्ड्यू रोग पर कैसे करें नियंत्रण?
इस रोग से बचने के लिए खेत में खरपतवार पर नियंत्रण रखें।
पौधों को उचित दूरी पर लगाएं।
रोग को फैलने से रोकने के लिए रोग से प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।
बुवाई से पहले बीज उपचारित करें।
प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम डाइथेन एम 45 मिलाकर छिड़काव करने से इस रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।
इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम रिडोमिल एम.जेड 72 मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
आवश्यकता के अनुसार 10 से 15 दिनों के अंतराल पर फिर से छिड़काव करें।
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