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सब्जियों की फसल में मल्चिंग के बेतरीन फायदे, बढ़ेगी पैदावार
सब्जियों की फसल में मल्चिंग के बेतरीन फायदे, बढ़ेगी पैदावार
जानकारी के अभाव में बहुत से प्रयास करने के बावजूद किसानों को उचित पैदावार नहीं मिल पाती है। यदि पैदावार अच्छी हो भी जाए तो कई बार फल अथवा सब्जियों की गुणवत्ता में कमी आ जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, खरपतवार की अधिकता, जमीन की सतह पर सटे फलों का खराब होना, मौसम परिवर्तन आदि शामिल हैं। फ़सल को इन सब परेशानियों से पौधों को बचाने के लिए 'मल्चिंग' एक बेहतर विकल्प है। इसमें प्लास्टिक के अलावा सूखी घास से भी मल्चिंग की जा सकती है। यदि आप तरबूज, खरबूज, मिर्च, टमाटर आदि की खेती करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। यहां आप मल्चिंग लगाने के लाभ और इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है मल्चिंग लगाने के लाभ?
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तेज हवाओं एवं वर्षा से से पौधों का बचाव होता है।
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मिट्टी के धूप कम लगती है। जिससे मिट्टी की नमी बनी रहती है।
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वर्षा एवं तेज हवाओं के कारण होने वाले मृदा क्षरण में कमी आती है।
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प्लास्टिक मल्चिंग से रात के समय भी मिट्टी में उष्णता बनी रहती है। जिससे बीज के अंकुरण एवं पौधों की जड़ों का विकास अच्छा होता है।
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खरपतवार पनपने की संभावना कम हो जाती है।
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प्लास्टिक मल्चिंग का प्रयोग करने से उपज में वृद्धि होती है।
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खेत की मिट्टी कठोर नहीं होती है।
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वर्षा होने पर पानी की बूंदे मल्चिंग शीट की निचली सतह पर इकठ्ठा होती हैं और पौधों को मिलती हैं। जिससे सिंचाई के समय पानी की बचत होती है।
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फल जमीन की सतह से सट कर खराब नहीं होते हैं।
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सूखी घास से की गई मल्चिंग कुछ समय बाद सड़ कर खाद बनने लगती है। जिससे खेत की उर्वरक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
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