तोरई एक बेलदार, कद्दू वर्गीय सब्जी है। इसकी खेती जायद और वर्षा दोनों सीजन में होती है। तोरई को कई जगह पर तुरई, तोरी और झिंग्गी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खेती देश के सभी राज्यों में की जाती है। इसके पौधों पर पीले रंग के फूल निकलते हैं, वहीं नर और मादा फूलों के निकलने का समय अलग-अलग होता है। इन फूलों पर निकलने वाले फलों का इस्तेमाल सब्जी बनाने में होता है। लेकिन कई बार तोरई की बेल पर फूलों के सूखने की समस्या देखने को मिलती है। जिस कारण से फसल के उत्पादन पर असर पड़ता है। ऐसे में इस समस्या को लेकर किसान भाई चिंतित हो जाते हैं। तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को तोरई की फसल से फूलों के सूखने व झड़ कर गिरने की समस्या का कारण, लक्षण एवं समाधान के उपाय बतायेंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
तोरई की फसल में फूलों के सूखने का कारण
तापनाम में अचानक बदलाव होने पर या अधिक तापमान बढ़ने पर तोरई के फूल सूखने लगते हैं।
वातावरण में अधिक नमी व कम होने के कारण भी फूल सूखकर झड़ने लगते हैं।
परागण की कमी के कारण भी समय से पहले फूल सूखकर झड़ जाते हैं।
इससे बीजों का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है।
पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलने के कारण भी तोरई की बेल से फूल सूखने लगते हैं।
फूल आने के समय मिट्टी में नमी की कमी होने पर भी फूल सूखने लगते हैं।
इसके अलावा फूल आने के समय तेज धूप होने पर भी तोरई के फूल सूखकर, झड़ने लगते हैं।
इसके अलावा रोग और कीटों के प्रकोप से भी फल सूखने लगते हैं.
विलगन पर्त के निर्माण होने से फूल के डंठल पर मृत कोशिकाओं की एक परत बन जाती है। जिसके कारण भी फूल सूख कर गिरने लगते हैं।
तोरई की फसल में फूलों को सूखने से बचाने के उपाय
फूलों को सूखने से बचाने के लिए बेल में फूल आने के समय खेत में उचित मात्रा में सिंचाई करें।
बेल को अधिक तापमान से बचाएं। इसके लिए बेल के आस-पास कपड़े या टिन शेड से छाया करें।
प्रत्येक बेल में 50-60 ग्राम सड़ी हुई गोबर खाद का प्रयोग करें।
गोबर की खाद के अलावा कम्पोस्ट खाद या वर्मी कम्पोस्ट का भी प्रयोग कर सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए 25 ग्राम देहात नैनो-रेड और 5 ग्राम देहात एजीवाइटल का 15 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर फिर से इसका छिड़काव करें।
बेल को पोलिनेटर्स से आकर्षित करके भी आप इस समस्या से बच सकते हैं। इसके अलावा आप हैण्ड पोलिनेशन करके भी तोरई के फूलों को गिरने से रोक सकते हैं।
तोरई की बेल में फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए 2 मिलीलीटर फ्रूट प्लस को 15 लीटर पानी में मिला कर छिड़कें।
जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें।
यह भी पढ़ें :
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और तोरई की फसल में फूलों को सूखने से बचाकर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
Soil Testing & Health Card
Health & GrowthYield Forecast
Farm IntelligenceAI, ML & Analytics
Solution For FarmersAgri solutions
Agri InputSeed, Nutrition, Protection
AdvisoryHelpline and Support
Agri FinancingCredit & Insurance
Solution For Micro-EntrepreneurAgri solutions
Agri OutputHarvest & Market Access
Solution For Institutional-BuyersAgri solutions