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सूरजमुखी
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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सूरजमुखी की खेती से पहले जाने कुछ उन्नत किस्में

सूरजमुखी की खेती से पहले जाने कुछ उन्नत किस्में

सूरजमुखी की खेती मुख्य रूप से तेल प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसके तेल हल्के रंग के और खाने में स्वादिष्ट होता है। सूरजमुखी के तेल में प्रचुर मात्रा में लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो ह्रदय रोग से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए लाभदायक है। इसकी खेती करने वाले किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सूरजमुखी की खेती से पहले इसकी कुछ प्रमुख किस्मों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। तो आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम सूरजमुखी की कुछ उन्नत किस्मों की जानकारी प्राप्त करें।

कुछ प्रमुख किस्में

  • ज्वालामुखी : इस किस्म की बीज में 42 से 44 प्रतिशत तेल की मात्रा होती है। पौधे की ऊंचाई करीब 160 से 170 सेंटीमीटर होती है। फसल को तैयार होने में 85 से 90 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ भूमि से 12 से 14 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • एम.एस.एफ.एच 4 : इस किस्म की खेती रबी एवं जायद मौसम में की जाती है। इस किस्म के पौधों की लम्बाई 120 से 150 सेंटीमीटर होती है। बीज में 42 से 44 प्रतिशत तेल की मात्रा होती है। फस 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाते हैं। प्रति एकड़ खेत से 8 से 12 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • एम.एस.एफ.एस 8 : इस किस्म के पौधों की लम्बाई 170 से 200 सेंटीमीटर होती है। बीज में 42 से 44 प्रतिशत तेल की मात्रा होती है। फसल 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाते हैं। प्रति एकड़ जमीन में खेती की जाए तो करीब 6 से 7.2 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

कुछ प्रमुख संकर किस्में

  • के.वी.एस.एच 1 : इस किस्म के पौधे करीब 150 से 180 सेंटीमीटर तक लंबे होते हैं। यह किस्म पछेती बुवाई के लिए उपयुक्त है। बीज में 43 से 45 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है। फसल 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाते हैं। प्रति एकड़ भूमि से 12 से 14 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • एस.एच. 3322 : पछेती बुवाई के लिए उपयुक्त इस किस्म के पौधों की लम्बाई 137 से 175 सेंटीमीटर तक होती है। बीज में 40 से 42 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है। फसल को तैयार होने में 90 से 95 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने पर करीब 11.2 से 12 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा हमारे देश में सूरजमुखी की कई अन्य किस्मों की खेती भी प्रमुखता से की जाती है। जिनमे मार्डन, बी.एस.एच 1, सूर्या, ई.सी. 68415, एम.एस.एफ.एच 17, वी.एस.एफ 1, आदि किस्में शामिल हैं।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इन किस्मों की खेती कर सूरजमुखी की अच्छी उपज प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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