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स्ट्रॉबेरी की खेती से पहले जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें
स्ट्रॉबेरी की खेती से पहले जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें
कई पोषक तत्वों से भरपूर स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान लाखों की कमाई कर सकते हैं। लेकिन कई बार सही जानकारी नहीं होने के कारण किसान इसकी खेती में कुछ लापरवाही कर बैठते हैं जिससे मुनाफे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ता है। आपकी इस समस्या को दूर करने के लिए इस पोस्ट के माध्यम से हम स्ट्रॉबेरी की खेती से जुड़ी कुछ महतवपूर्ण जानकारियां साझा कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं स्ट्रॉबेरी की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
स्ट्रॉबेरी का बीज कहां से प्राप्त करें?
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स्ट्रॉबेरी के बीज नहीं होते हैं। इसकी व्यावसायिक खेती पौधों की रोपाई के द्वारा की जाती है।
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टिशू कल्चर के द्वारा भी इसके पौधों को तैयार किया जा सकता है।
स्ट्रॉबेरी की खेती किस तरह के वातावरण में की जाती है?
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इसकी खेती के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त है।
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कुछ वर्ष पहले तक इसकी खेती केवल पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती थी। लेकिन अब मैदानी क्षेत्रों में भी इसकी खेती संभव है।
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इसकी खेती के लिए रात का तापमान 10 से 12 डिग्री सेंटीग्रेड और दिन में 18-19 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना सर्वोत्तम है।
भारत के किन राज्यों में इसकी खेती की जा सकती है?
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हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, सिक्किम, आदि राज्यों में इसकी सफलतापूर्वक खेती की जा सकती है।
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए किस तरह की मिट्टी उपयुक्त है?
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इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है।
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मिट्टी में कार्बन की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
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मिट्टी का पी.एच. स्तर 5 से 6.5 तक होना चाहिए।
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7.5 या इससे अधिक पी.एच. स्तर की मिट्टी में खेती करने से पैदावार में कमी आती है।
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इसके साथ ही चिकनी मिट्टी में भी खेती करने से बचें। यदि चिकनी मिट्टी में खेती करनी है तो उसमें कम्पोस्ट खाद एवं रेत मिला कर मिट्टी को हल्की बना लें।
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