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स्ट्रॉबेरी की खेती से होगी लाखों की कमाई
स्ट्रॉबेरी की खेती से होगी लाखों की कमाई
देखने में आकर्षक और खाने में उतना ही स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, प्रोटीन और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कुछ समय पहले तक स्ट्रॉबेरी की खेती ठंडे स्थानों में की जाती थी। लेकिन अब इसकी खेती बिहार, हरियाणा जैसे राज्यों में भी सफलतापूर्वक की जा रही है। कई औषधीय गुणों से भरपूर स्ट्रॉबेरी की खेती करके किसान कम समय में लाखों की कमाई कर सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु, खेत तैयार करने की विधि, सिंचाई, आदि जानकारियों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
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अच्छी फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त है।
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मिट्टी का पी.एच. स्तर 5 से 6.5 तक होना चाहिए।
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शीतोष्ण जलवायु में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
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पौधों को 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।
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अधिक तापमान होने पर उपज में कमी आती है।
खेत तैयार करने की विधि
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सबसे पहले खेत में 2-3 बार जुताई कर के मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी बना लें।
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इसके बाद प्रति एकड़ खेत में 30 टन अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
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खेत में 2 फीट चौड़ी क्यारियां तैयार करें।
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सभी क्यारियों के बीच 1.5 फीट की दूरी रखें।
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सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन की पाइप लाइन लगाएं।
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इसके बाद प्लास्टिक मल्चिंग लगाएं।
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प्लास्टिक की मल्चिंग में नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई के लिए 20 से 30 सेंटीमीटर की दूरी पर छेद करें।
सिंचाई एवं फलों की तुड़ाई
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पौधों को लगाने के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें।
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इसके बाद मिट्टी में मौजूद नमी के अनुसार सिंचाई करें।
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सिंचाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में जलजमाव न हो साथ ही खेत की मिट्टी सूखी भी न रहे।
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अच्छी तरह सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन यानी टपक सिंचाई विधि का प्रयोग करें।
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फलों के लाल होने पर उनकी तुड़ाई कर लें।
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फलों की तुलाई के समय फलों की जगह ऊपर की डंडी को पकड़ें।
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यदि बाजार दूर है तो थोड़ी सख्त अवस्था में ही फलों की तुड़ाई करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। आने वाले पोस्ट में हम स्ट्रॉबेरी की कुछ उन्नत किस्मों की जानकारी साझा करेंगे। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। स्ट्रॉबेरी की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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