पोस्ट विवरण
स्ट्रॉबेरी की खेती बन रही है अजीविका का साधन, जानें इसकी खेती के फायदे
स्ट्रॉबेरी की खेती बन रही है अजीविका का साधन, जानें इसकी खेती के फायदे
इन दिनों पारम्परिक फसलों की खेती के अलावा किसानों का रुझान स्ट्रॉबेरी की खेती की बढ़ने लगा है। फोलिक एसिड, कैल्शियम, फॉस्फोरस एवं कई अन्य खनिज तत्वों से भरपूर रसीले स्ट्रॉबेरी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। पिछले कुछ वर्षों से इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी की खेती आजीविका का साधन बनता जा रहा है।
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयुक्त समय
-
इसकी खेती के लिए सितंबर-अक्टूबर का महीना सर्वोत्तम है।
-
हालांकि पॉलीहाउस में वातावरण को नियंत्रित कर के किसी भी समय इसकी खेती की जा सकती है।
उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
-
इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
-
मिट्टी का पी.एच. स्तर 5 से 6.5 होना चाहिए।
-
पौधों के विकास के लिए शीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है।
-
करीब 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में पौधे अच्छी तरह विकसित होते हैं।
-
अधिक तापमान पौधों के विकास के लिए हानिकारक है।
स्ट्रॉबेरी की खेती से होने वाले लाभ
-
पारम्परिक फसलों की तुलना में यह जल्दी तैयार हो जाता है।
-
बाजार में मांग बढ़ने के कारण इसकी खेती वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
-
बाजार में इसके फलों की अधिक मूल्य पर बिक्री होती है।
-
पॉलीहाउस नहीं होने पर प्लास्टिक का लो टनल बना कर इसकी खेती आसानी से की जा सकती है।
-
अलग-अलग राज्यों में स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उद्यानिकी एवं कृषि विभाग के द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है।
यह भी पढ़ें :
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती से बेहतर मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ