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औषधीय पौधे
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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स्टीविया की खेती से पहले जान लें यह बातें

स्टीविया की खेती से पहले जान लें यह बातें

अनियमित खान-पान के कारण मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। मधुमेह रोगियों की संख्या के साथ स्टीविया की मांग में भी लगातार वृद्धि हो रही है। चीनी से भी अधिक मिठास वाले स्टीविया हमारे शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में सहायक है।

इन दिनों कई किसान पारम्परिक फसलों के अलावा ऐसी फसलों की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं जिनसे उन्हें कम समय में अधिक मुनाफा हो सके। इन फसलों में स्टीविया भी शामिल है। आइए स्टीविया की पैदावार बढ़ाने के तरीके के साथ इसकी पैदावार, बिक्री एवं होने वाले मुनाफे पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

इस तरह बढ़ाएं स्टीविया की पैदावार

  • स्टीविया के पौधों में पत्तियों की संख्या बढ़ाने के लिए फूलों की तुड़ाई करना आवश्यक है।

  • रोपाई के करीब 30 दिनों बाद फूलों की पहली तुड़ाई करें।

  • फूलों की दूसरी तुड़ाई पौधों की रोपाई के 45 दिनों बाद करें।

  • पौधों की रोपाई के करीब 60 दिनों बाद तीसरी तुड़ाई करनी चाहिए।

  • रोपाई के 75 दिनों बाद चौथी एवं रोपाई के 90 दिनों बाद पांचवी तुड़ाई करनी चाहिए।

फसल की कटाई एवं पैदावार

  • प्रति वर्ष 3 से 4 बार पत्तियों की कटाई की जाती है।

  • कटाई के बाद पत्तियों को 3 से 4 दिनों तक छांव में सूखाना चाहिए।

  • सामान्यतौर पर प्रति वर्ष यानी 4 कटाइयों के द्वारा प्रति एकड़ भूमि से 4 से 6 टन सूखी पत्तियां प्राप्त होती हैं।

बिक्री एवं मुनाफा

  • राष्ट्रीय बाजार के साथ अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी स्टीविया की पत्तियों की मांग बढ़ती जा रही है।

  • राष्ट्रीय बाजारों में इसकी पत्तियों की बिक्री 60 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम तक की दर से होती है।

  • अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी पत्तियों की बिक्री 300 से 400 रुपए प्रति किलोग्राम तक की दर से होती है।

  • सूखी पत्तियों की बिक्री के अलावा पत्तियों से एक्सट्रैक्ट निकाल कर भी बिक्री की जा सकती है।

  • सूखी पत्तियों का पाउडर बना कर बिक्री करने पर सूखी पत्तियों की तुलना में दोगुना मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

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