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सरसों
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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सरसों की सहफसली : अच्छे उत्पादन की गारंटी

सरसों की सहफसली : अच्छे उत्पादन की गारंटी

सहफसली खेती किसानों के लिए वरदान साबित होती है। किसानों की गरीबी दूर करने और अच्छे उत्पादन के लिए यह एक रामबाण है। सहफसली खेती में आप एक ही खेत में एक समय में कई फसलों की खेती कर सकते हैं। अगर आप इस मौसम सरसों की खेती करना चाह रहे हैं तो आप सरसों के साथ कुछ अन्य फसलों की खेती कर के अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

सरसों के साथ किन फसलों की करें खेती?

  • सरसों के साथ गेहूं, चना, अलसी, आलू, गन्ना की सहफसली की जा सकती है।

सरसों की सहफसली के लिए इन फसलों का क्यों करें चयन?

  • फसलों का चयन करते समय जड़ों की लंबाई पर विशेष ध्यान दें।

  • कठिया गेहूं की जड़ें 2-3 इंच गहरी होती है। अलसी और सरसों की जड़ें 4-5 इंच गहरी होती है। वहीं चने की जड़ें 6 से 8 इंच गहरी होती है।

  • जड़ों की गहराई में अंतर होने के कारण पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व एवं नमी मिलती है।

  • चने की फसल सबसे ज्यादा नाइट्रोजन छोड़ती है और गेहूं के पौधों को सबसे अधिक नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। इस तरह सहफसली करने से बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

सहफसली खेती के फायदे

  • इस विधि से खेती करने से पानी की बचत होती है।

  • खाली जमीन नहीं होने के कारण खरपतवार की समस्या कम होती है।

  • खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता भी कम होती है।

यदि आपको यह जानकारी आवश्यक लगी है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें साथ ही अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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