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सरसों
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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सरसों की कटाई

सरसों की कटाई

सरसों की फसल इस महीने पक कर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। सरसों की खेती करने वाले किसानों को इसकी कटाई के समय कई बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। जिनमे कटाई का सही समय, गहाई का उपयुक्त समय, आदि शामिल है। अगर हरी फलियों की कटाई की गई है तो तेल के उत्पादन में 3 से 4 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। जल्दी कटाई करने पर बीज में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण बीज खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सरसों की कटाई से जुड़ी आपकी उलझनों को दूर करने के लिए इस पोस्ट के माध्यम से हम कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर रहे हैं। सरसों की कटाई के समय इन बातों को ध्यान में रख कर आप अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है वह महत्वपूर्ण बातें।

  • सरसों की कटाई फरवरी से मार्च महीने में कर लेनी चाहिए।

  • सरसों की 75 प्रतिशत फलियां जब पीली हो जाएं तब फसलों की कटाई करें।

  • सही समय पर कटाई करना बेहद जरूरी है। कटाई में देर होने पर फलियां फटने लगती हैं।

  • कई बार कटाई में देर होने पर दानों का वजन और दानों में तेल की मात्रा कम हो जाती है।

  • सरसों की कटाई का कार्य सुबह के समय करना अधिक फायदेमंद रहता है। रात में गिरने वाली ओस के कारण नम हो जाती हैं। सुबह कटाई करने से दानों का बिखराव की संभावना कम हो जाती हैं।

  • कटाई के बाद फसल को कुछ दिनों तक धूप में रख कर सूखाएं।

  • जब बीज में 15 से 20 प्रतिशत तक नमी रहे तब सरसों की गहाई करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सकें। सरसों की खेती से जुड़े अपने सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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