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सरसों : फसल में दूसरी सिंचाई का सही समय एवं उर्वरक प्रबंधन
सरसों : फसल में दूसरी सिंचाई का सही समय एवं उर्वरक प्रबंधन
सरसों की फसल में सिंचाई एवं उर्वरकों का बहुत महत्व है। सही समय पर सिंचाई करने से एवं उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर के हम उच्च गुणवत्ता की सरसों प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी कर रहे हैं सरसों की खेती तो फसल में दूसरी सिंचाई का सही समय एवं दूसरी सिंचाई के समय उर्वरक प्रबंधन की जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
सरसों की फसल में दूसरी सिंचाई
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बुवाई के करीब 60 से 65 दिनों के बाद फसल में दूसरी सिंचाई करनी चाहिए।
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सरसों के पौधों में 50 से 80 प्रतिशत तक फूल खिल जाने पर दूसरी बार सिंचाई करनी चाहिए।
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इस समय सिंचाई करने पर पौधों में अधिक फलियां आती हैं और फलियां दानों से भरी हुई होती हैं।
दूसरी सिंचाई के समय उर्वरक प्रबंधन
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सामान्यतौर पर सरसों की फसल में पहली सिंचाई के समय उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है।
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फसल में दूसरी सिंचाई के समय उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है।
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हालांकि बेहतर पैदावार के लिए प्रति एकड़ भूमि में 25 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं।
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सरसों की बेहतर पैदावार के लिए फूल आने के समय किए जाने वाले कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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