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सरसों की बेहतर पैदावार के लिए फूल आते समय रखें इन बातों का ध्यान

सरसों की बेहतर पैदावार के लिए फूल आते समय रखें इन बातों का ध्यान

सरसों की बेहतर पैदावार के लिए पौधों में फूल आने के समय कई बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। इस समय हमारी जरा सी लापरवाही से पैदावार एवं सरसों की गुणवत्ता में कमी आ सकती है। फूल आने के समय फसल में रस चूसक कीटों का प्रकोप भी बढ़ने लगता है। पौधों में फूल आने के समय रस चूसक कीटों पर नियंत्रण एवं एवं महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई बातों पर अमल कर के आप सरसों की उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • सिंचाई : पौधों में फूल आने की अवस्था में सिंचाई करना जरूरी है। यदि आप हल्की मिट्टी में सरसों की खेती कर रहे हैं तो फसल में 2 बार सिंचाई करें। पहली सिंचाई पौधों में फूल आने के समय एवं दूसरी सिंचाई फलियां बनते समय करें। भारी मिट्टी में खेती करने पर केवल 1 बार सिंचाई करना पर्याप्त होता है। ऐसी स्थिति में जान फसल में 70 से 80 प्रतिशत फूल आ जाए और शाखाओं में फलियां बनने लगे तक सिंचाई करें। इससे फलियों में दानों का विकास अच्छा होता है।

  • कीट प्रबंधन : सरसों की फसल में फूल आते समय मोयला कीट का प्रकोप अधिक होता है। यह कीट पौधों का रस चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करने से भी मोयला कीट पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

  • उर्वरक प्रबंधन : पौधों में फूल आने के बाद या फलियां बनने के समय यूरिया एवं अन्य उर्वरकों का प्रयोग करने से बचें।

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