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सरसों की बेहतर पैदावार के लिए इस तरह करें उर्वरक प्रबंधन
Author : Soumya Priyam

सरसों की बेहतर पैदावार उच्च गुणवत्ता की बीज एवं खेत की तैयारी का बहुत महत्व है। इसके साथ ही सही समय एवं सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग भी आवश्यक है। अगर आप भी करना चाहते हैं सरसों की खेती तो उर्वरक प्रबंधन की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
बुवाई से पहले उर्वरक प्रबंधन
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सरसों की बेहतर पैदावार के लिए खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 4 से 5 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
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गोबर की खाद की जगह कम्पोस्ट खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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इसके अलावा सरसों की फसल में प्रति एकड़ खेत के अनुसार 50 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस और 24 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करना चाहिए।
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खेत की आखिरी जुताई के समय खेत में 25 किलोग्राम नाइट्रोजन के साथ 24 किलोग्राम फास्फोरस और 24 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
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इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 16 किलोग्राम गंधक (सल्फर) भी मिलाएं।
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बुवाई के बाद उर्वरक प्रबंधन
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पहली सिंचाई के बाद नाइट्रोजन (यूरिया) की टॉपड्रेसिंग करनी चाहिए।
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बुवाई के करीब 25 से 30 दिनों बाद 25 किलोग्राम नाइट्रोजन का बुरकाव करें।
यह भी पढ़ें :
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सरसों की खेती के लिए खेत तैयार करने की विधि की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जनकरी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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1 October 2021
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