सरसों की खेती मुख्यतः पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं गुजरात में की जाती है। इसकी खेती जीरो टिलेज विधि से भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी एवं बलुई मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। अगर आप भी इस रबी मौसम में सरसों की खेती करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप सरसों की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
सरसों की बुवाई का उपयुक्त समय
सरसों की बुवाई सितंबर से अक्टूबर का समय सर्वोत्तम है।
इसके अलावा नवंबर महीने में भी इसकी बुवाई की जा सकती है।
सरसों की खेती के लिए बीज की मात्रा
सिंचित क्षेत्रों में खेती के लिए प्रति एकड़ भूमि में 2 से 2.4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बीज उपचारित करने की विधि
बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
सरसों के दानों में तेल की मात्रा बढ़ाने के तरीके
पौधों में फूलों एवं फलियों के विकास के लिए 5 मिलीलीटर देहात फ्रूट प्लस का प्रयोग करें।
15 लीटर पानी में 75 ग्राम घुलनशील उर्वरक 0:52:34 मिला कर छिड़काव करने से भी तेल की मात्रा बढ़ती है।
सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए प्रति एकड़ खेत में 8-10 किलोग्राम गंधक (सल्फर) का प्रयोग करें।
इसके साथ ही बुवाई से पहले प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम बोरेक्स और 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट मिलाएं।
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