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सर्पगंधा की खेती : उपयुक्त समय एवं पौधे तैयार करने की विधि
Author : Dr. Pramod Murari

कई औषधीय गुणों से भरपूर सर्पगंधा के पौधों की लम्बाई 30 से 75 सेंटीमीटर तक होती है। इसकी पत्तियां 10 से 15 सेंटीमीटर लम्बी एवं चमकीले हरे रंग की होती हैं। आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में इसका सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। इसकी खेती के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु उपयुक्त है। सर्पगंधा की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। अगर आप भी करना चाहते हैं सर्पगंधा की खेती तो इसकी खेती के लिए उपयुक्त समय एवं पौधे तैयार करने की विधि की जानकारी यहां से प्राप्त करें। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
सर्पगंधा की खेती के लिए उपयुक्त समय
यदि बीज के द्वारा इसकी खेती करनी है तो मुख्य खेत में पौधों की रोपाई से पहले नर्सरी तैयार की जाती है।
नर्सरी तैयार करने के लिए मई-जून का महीना उपयुक्त है।
नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई अगस्त में करनी चाहिए।
बीज की मात्रा एवं बीज उपचारित करने की विधि
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प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 3.2 से 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
पौधे तैयार करने की विधि
सर्पगंधा की खेती बीज के द्वारा एवं कलम के द्वारा की जाती है।
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बीज के द्वारा : इस विधि से खेती करने के लिए नर्सरी में बीज की बुवाई कर के पौधे तैयार किए जाते हैं।
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बुवाई से पहले करीब 24 घंटों तक बीज को पानी में डाल कर रखें। इससे बीज अंकुरित होने में आसानी होती है। बुवाई के करीब 6 सप्ताह बाद मुख्य खेत में पौधों की रोपाई की जा सकती है। पौधों की लम्बाई करीब 10 से 12 सेंटीमीटर होने पर इसका प्रत्यारोपण करें।
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कलम के द्वारा : पौधों की जड़ें एवं तने दोनों से कलम तैयार किया जा सकता है।
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जड़ के द्वारा कलम तैयार करना : जड़ से कलम तैयार करने के लिए 2.5 से 5 सेंटीमीटर की लम्बाई में जड़ों को काटें। इसके बाद नर्सरी में जड़ों की रोपाई करें। करीब 3 सप्ताह में कल्ले निकलने शुरू हो जाते हैं। कल्ले निकलने मुख्य खेत में पर पौधों की रोपाई करें।
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तने के द्वारा कलम तैयार करना : इसके लिए 15 से 20 सेंटीमीटर की लम्बाई में तनों की कटाई करें। प्रत्येक तने में 2 से 3 गांठे होना जरूरी है। इस कलम की रोपाई पहले नर्सरी में करें। करीब 4 से 6 सप्ताह में जड़ें बनने लगती हैं। जड़ों के बनने के बाद पौधों को सावधानी से निकाल कर मुख्य खेत में रोपाई करें।
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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लिखे करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठाते हुए सर्पगंधा के स्वस्थ पौधे तैयार कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। अपने आने वाले पोस्ट में हम सर्पगंधा की खेती से जुड़ी कई अन्य जानकारियां साझा करेंगे। तब तक पशु पालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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21 June 2021
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