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सर्दियों में फसलों की देखभाल
सर्दियों में फसलों की देखभाल
ठंड के मौसम में फसलों को बहुत नुकसान होता है। आलू, चना, पपीता, लौकी, कद्दू, सेम, मटर, आदि को ठंड से अधिक नुकसान होता है। इसके अलावा अधिक ठंड से रबी फसलें जैसे गेहूं, सरसों आदि की पैदावार में भी कमी आती है। अधिक ठंड वाले क्षेत्रों में किसान यहां दिए गए उपायों को अपनाकर अपनी फसलों को बचा सकते हैं।
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सिंचाई : खेत में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई करें। सिंचाई करने से मिट्टी में गर्मी बनी रहती है और भूमि का तापमान कम नहीं होता।
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धुआं : शाम के समय हवा की दिशा में घास-फूस, कचरे, सूखी पत्तियां, आदि जलाकर धुआं करें। इससे तापमान को बढ़ाया जा सकता है।
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अवरोध : खेत की उत्तर दिशा में टाट, प्लास्टिक या ग्रीन नेट बांधें। इससे ठंडी हवाओं को रोका जा सकता है।
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छिड़काव :
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर सल्फ्यूरिक एसिड मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। इसका असर 15 दिनों तक रहता है।
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निराई-गुड़ाई : ठोस मिट्टी में ठंड का अधिक प्रभाव नहीं होता। इसलिए ठंड के समय निराई-गुड़ाई करने से बचें।
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इस पोस्ट में बताई गई बातें ठंड के मौसम में फसलों को बचाने में कारगर साबित होंगी। यदि आपको यह जानकारी आवश्यक लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान अपनी फसलों को ठंड से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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