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स्पाइडर माइट नष्ट न कर दे आलू की फसल
स्पाइडर माइट नष्ट न कर दे आलू की फसल
स्पाइडर माइट का प्रकोप आलू के अलावा मक्का, मटर, टमाटर, बैंगन, मिर्च, गन्ना, कद्दू आदि कई फसलों में होता है। आलू की फसल को स्पाइडर माइट से बचाना बेहद जरूरी है। यदि आपको इस कीट की पहचान नहीं है तो यहां से आप कीट की पहचान, इससे होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के तरीके देख सकते हैं।
स्पाइडर माइट की पहचान
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विभिन्न रंगों में पाए जाने वाले यह कीट करीब 0.6-1 मिलीमीटर के होते हैं।
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स्पाइडर माइट समूह में रहते हैं।
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इनके अंडे छोटे एवं पारदर्शी होते हैं।
स्पाइडर माइट के प्रकोप का लक्षण
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स्पाइडर माइट पत्तियों पर जाला बना देते हैं।
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यह पत्तियों का रस चूस कर पौधों को कमजोर करते हैं।
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जिससे पत्तियों की सतह पर छोटे-छोटे पीले एवं सफेद रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
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प्रभावित पौधों में नई डालियां नहीं निकलती हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पौधे सूखने लगते हैं। जिसका सीधा असर उपज पर होता है।
स्पाइडर माइट पर नियंत्रण के तरीके
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यदि संभव हो तो इस कीट के अंडों को इकट्ठा करके नष्ट कर दें।
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कीट से प्रभावित पौधों को खेत से बाहर निकाल कर नष्ट करें।
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खेत की नियमित साफ-सफाई करें। खेत में खरपतवार पर नियंत्रण करना आवश्यक है।
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इस कीट पर जैविक विधि से नियंत्रण करने के लिए प्रति लीटर पानी में 2.5 मिलीलीटर नीम के तेल को मिलाकर छिड़काव करें।
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प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 100 मिलीलीटर एबामेक्टिन 1.8 % ई.सी मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 5 ग्राम एसिटामिप्रिड 20 % ई.सी (टाटा मानिक) के साथ 5 मिलीलीटर देहात हॉक मिला कर छिड़काव करें।
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आवश्यकता के अनुसार कुछ समय के अंतराल पर दवाओं का दोबारा छिड़काव कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस पोस्ट में बताई गई दवाओं एवं अन्य उपायों को अपना कर आप स्पाइडर माइट पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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