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25 June
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सोयाबीन में खरपतवार पर ऐसे करें नियंत्रण, होगी अधिक पैदावार

सोयाबीन में खरपतवार पर ऐसे करें नियंत्रण, होगी अधिक पैदावार

सोयाबीन एक प्रमुख तिलहन फसल है। इसमें प्रोटीन एवं विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। लेकिन सोयाबीन की फसल में खरपतवार होने से पैदावार पर असर पड़ता है। खरपतवार की अधिकता से पौधों को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। सोयाबीन के खेत में विभिन्न प्रकार की घास के पनपने के कारण कई तरह के रोग और कीटों के होने का खतरा बना रहता है। इससे फसल को नुकसान पहुंचता है। इसलिए समय से इसकी रोकथाम करना बहुत आवश्यक है। तो आज इस आर्टिकल के मध्यम से किसानों को सोयाबीन की खेती से खरपतवार नियंत्रण के तरीके बताएंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
सोयाबीन की खेती में खरपतवार से होने वाले नुकसान

  • खरपतवार भूमि में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व एवं नमी का बड़ा हिस्सा अवशोषित कर लेती है। इससे पौधों को उचित पोषक तत्व नहीं मिल पाता है।

  • इसके अलावा खरपतवार आवश्यक प्रकाश एवं स्थान से फसल को वंचित कर देती है।

  • इससे पौधों का विकास में बाधा आ जाती है।

  • खरपतवार से फसल की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता घट जाती है।

सोयाबीन की फसल में निकलने वाले मुख्य खरपतवार

  • चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार : इस तरह के घास की पत्तियां चौड़ी होती हैं। इसमें जंगली चौलाई, जंगली जूट, बन मकोय, कालादाना, हजारदाना, महकुंआ आदि शामिल हैं।

  • सकरी पत्तियों वाले खरपतवार : इस किस्म की खरपतवार में घास की पत्तियां पतली होती हैं।
    इसमें सांवक, कोदों, दूब आदि शामिल हैं।

  • मेथा परिवार के खरपतवार : इस प्रकार की खरपतवार की पत्तियां लंबी तथा तना तीन किनारे वाला ठोस होता है एवं जड़ो में गांठे पाई जाती है। इसमें मोथा, साइपेरस आदि शामिल हैं।

सोयाबीन में ऐसे करें खरपतवार नियंत्रण

  • खेत में पहले से मौजूद खरपतवारों को नष्ट करने के लिए 1-2 बार गहरी जुताई जरूर करें। इससे खेत में पहले से मौजूद घास की जड़ें ऊपर आकर तेज धूप में नष्ट हो जाएंगी।

  • बिजाई के 2-3 दिन बाद प्रति एकड़ जमीन में 1000-1500 मिलीलीटर पैंडीमैथालीन 30% EC को 100-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

  • खरपतवार पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ जमीन में 200-300 ग्राम मेट्रिबुज़िन 70% WP का छिड़काव करें।
    20 से 22 दिन के पौधों में घास को नष्ट करने के लिए प्रति एकड़ जमीन में 300-400 मिलीलीटर क्यूजेलेफोप इथाइल 5% EC का छिड़काव करें।

  • बुवाई के 20 से 25 दिनों बाद पहली बार निराई-गुड़ाई करें।

  • बुवाई के 40 से 45 दिनों के बाद दूसरी बार निराई-गुड़ाई कर, खरपतवार को नष्ट करें।

  • चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 400 मिलीलीटर इमेजेथापायर 10% SC का छिड़काव करें।

  • रोपाई के 15-20 दिनों बाद प्रति एकड़ भूमि में 400 मिलीलीटर फिनोक्साप्रोप पी ईथाइल 9.3 ई.सी का छिड़काव करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और सोयाबीन की फसल में खरपतवार को नियंत्रण कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।



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