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सोयाबीन की फसल में इस करें खरपतवारों पर नियंत्रण, होगी अधिक पैदावार

Author : Lohit Baisla

खेत में खरपतवारों की अधिकता होने पर पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। जिसका सीधा असर फसलों के उत्पादन पर होता है। फसलों की गुणवत्ता एवं पैदावार बढ़ाने के लिए खरपतवारों पर नियंत्रण करना आवश्यक है। समय रहते यदि विभिन्न खरपतवारों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो पैदावार में 30 से 70 प्रतिशत तक कमी आती है। अगर आप सोयाबीन की खेती कर रहे हैं तो खरपतवारों पर नियंत्रण करने के तरीके यहां से देखें।

सोयाबीन की फसल में होने वाले कुछ खरपतवार

  • सोयाबीन की फसल में चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार के साथ सकरी पत्तियों वाले खरपतवार भी शामिल हैं।

  • जंगली चौलाई, जंगली जूट, हजारदाना, महकुंआ, बन मकोय, कालादाना, कोदों, दूब, आदि कई खरपतवारों की समस्या होती है।

  • सोयाबीन की फसल में बुवाई के 20 से 45 दिनों के अंदर खरपतवारों के पनपने की संभावना अधिक होती है।

विभिन्न खरपतवारों पर नियंत्रण के तरीके

  • सोयाबीन की बुवाई से पहले खेत में एक बार गहरी जुताई करें और खेत को कुछ दिनों तक खुला रहने दें। गहरी जुताई करने से खेत में मौजूद खरपतवारों के जड़ ऊपर आ कर तेज धूप में नष्ट हो जाएंगे।

  • बीज की बुवाई के 2 से 3 दिन के अंदर खेतब में पेंडीमेथलीन का छिड़काव करें।

  • खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई सबसे अच्छा विकल्प है।

  • बीज की बुवाई के करीब 20 से 25 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करें।

  • बुवाई के करीब 40 से 45 दिनों के बाद दूसरी निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।

  • खरपतवारों की अधिकता होने पर प्रति एकड़ जमीन में 300 मिलीलीटर इमेजेथापायर 10 ई.सी का छिड़काव करें।

  • प्रति एकड़ भूमि में 400 मिलीलीटर फीनॉक्साप्रोप पी इथाइल 9.3 ई.सी का छिड़काव करने से भी खरपतवारों पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

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22 June 2021

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