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सोयाबीन : जून महीने में इस तरह करें खेत की तैयारी
सोयाबीन : जून महीने में इस तरह करें खेत की तैयारी
सोयाबीन का उपयोग दलहन और तिलहन दोनों तरह से किया जाता है। यह एक खरीफ मौसम की फसल है। जिसकी बुवाई जून के पहले सप्ताह से जुलाई के दूसरे सप्ताह तक की जाती है। सोयाबीन की खेती अधिक हल्की रेतीली मिट्टी एवं हल्की मिट्टी को छोड़कर सभी प्रकार की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है। सोयाबीन की खेती के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है, साथ ही बेहतर ढंग से की गयी खेत की तैयारी से बेहतर गुणवत्ता और अधिक उपज प्राप्त करने में मदद मिलती है। अगर आप भी सोयाबीन की खेती कर रहे हैं, तो खेत की तैयारी से जुड़ी जानकारी यहां से प्राप्त करें।
सोयाबीन के लिए खेत की तैयारी
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मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की सबसे पहले गहरी जुताई करें।
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जुताई के बाद खेत को 2 से 3 दिन तक खुला छोड़ दें। जिससे मिट्टी में उपस्थित फंगस और कीट नष्ट हो जाए।
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खेत तैयार करते समय 4 टन गली हुई रूड़ी की खाद और गोबर की खाद मिलाएं।
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अब खेत की 2 से 3 बार तिरछी जुताई करें। इससे गोबर की खाद पूरी तहर से फैल जाती है।
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खेत की सिंचाई करें और मिट्टी सूख जाने पर खेत की एक बार जुताई करें। इस प्रक्रिया से मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी।
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खेत में पाटा लगाकर खेत को समतल कर दें।
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इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 12.5 किलोग्राम नाइट्रोजन (28 किलोग्राम यूरिया) और 32 किलोग्राम फासफोरस (200 किलोग्राम सिंगल सुपर फासफेट) का प्रयोग करें।
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बेहतर विकास और अच्छी पैदावार के लिए 3 किलोग्राम यूरिया को 150 लीटर पानी में मिलाकर बुवाई के 60 और 75 दिनों बाद छिड़काव करें।
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