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सोयाबीन
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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सोयाबीन : बीज उपचार से पौधों का करें रोग एवं कीटों से बचाव

सोयाबीन : बीज उपचार से पौधों का करें रोग एवं कीटों से बचाव

44 प्रतिशत प्रोटीन से भरपूर सोयाबीन में 21 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट एवं 22 प्रतिशत वसा के साथ कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी नियंत्रित करने में सहायक है। अनेक फायदों एवं बाजार में मांग अधिक होने के कारण इसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कई बार कुछ कीट, फफूंद एवं रोगों के प्रकोप से फसल को भारी क्षति पहुंचती है। वहीं कभी-कभी रोपाई के बाद बीज का अंकुरण भी सही से नहीं हो पाता है। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए बुवाई से पहले बीज उपचारित करना बहुत जरूरी है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम सोयाबीन के बीज उपचार की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

बीज की मात्रा

  • प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 25 से 30 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचारित करने की विधि

  • बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम थीरम से उपचारित करें।

  • थीरम के अलावा आप प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कप्तान से भी उपचारित कर सकते हैं।

  • फफूंदनाशक या कीटनाशक दवाओं से बीज उपचारित करने के बाद राइजोबियम कल्चर से भी बीजों का उपचार करना चाहिए।

  • राइजोबियम कल्चर से उपचारित करने के बाद बीज को छांव में सूखा कर बुवाई करें।

बीज उपचारित करने के फायदे

  • बुवाई से पहले बीज उपचारित करने से अंकुरण अच्छा होता है।

  • फसल को मृदा जनित रोगों से बचाया जा सकता है।

  • पौधों में फफूंद एवं कीटों के प्रकोप की संभावना कम हो जाती है।

  • उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है।

  • फसल की पैदावार में वृद्धि होती है।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए सोयाबीन की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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