पोस्ट विवरण
सुने
औषधीय पौधे
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
1 year
Follow

सितम्बर के महीने में करलें तुलसी की पहली कटाई, अधिक देरी से कम हो सकती है तेल की मात्रा

भारत के लगभग सभी घरों के आंगन में तुलसी का पौधा देखा जा सकता है। अपने में कई औषधीय गुणों को समाए हुए यह पौधा न केवल आंगन में एक भीनी महक को बनाए रखता है, बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा को प्रसारित करता हुआ हमारे आसपास की हवा को भी शुद्ध करने का काम करता है। वैज्ञानिक कारणों के अवाला हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भी घर में तुलसी के पौधे का होना आपको कई रूपों में लाभान्वित कर सकता है। माना जाता है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। जिससे घर में कलह क्लेश तथा आय प्राप्ति के साधनों में आ रही समस्याओं का निवारण हो सकता है।

घरों में एक पौधे के रूप में उपस्थिति के साथ-साथ तुलसी की बड़े स्तर पर की गयी खेती भी फायदे का सौदा मानी जाती है। तुलसी की गर्मियों के लिए फसल की बुवाई अप्रैल वहीं मानसूनी तुलसी की पौध जून से अगस्त माह तक तैयार कर लेनी चाहिए। फसल केवल 20 से 25 दिनों में अपनी पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है और आधी से कम लागत के साथ प्रति एकड़ 32 से 40 किलोग्राम तक तेल प्रदान करने की क्षमता रखती है।

फसल की पहली कटाई पौधों में तीन से चार अंगुल छोड़कर कर लेनी चाहिए और फसल से दूसरी कटाई प्राप्त करने के लिए खेत में छूटे डंठल के बीच निराई और सिंचाई कर लेनी चाहिए। फसल बेहतर वृद्धि के लिए कंपोस्ट खाद का प्रयोग भी एक बेहतर विकल्प है। साथ ही मिट्टी के अनुसार लगाई गई किस्म और बीजों का प्रयोग किसानों के लिए इस लाभ को कई गुना तक बढ़ा सकता है।

फसल कटाई के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

  • अलग-अलग प्रकार की किस्मों की कटाई एक साथ न करें।

  • फसल को कटाई के बाद 4 से 5 घंटो के लिए छोड़ दें। इससे आसवन में सरलता होती है और अधिक तेल प्राप्त किया जा सकता है।

  • तने को आसानी से काटने के लिए छोटी कैंची का इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • तने को पत्ती की गांठो के हमेशा ठीक ऊपर से ही काटें।

  • पौधों के अधिक विकास के लिए कलियों के खिलने से पूर्व ही फसल की कटाई कर लें।

  • कटाई के बाद खेत की निराई-गुड़ाई अवश्य करें।

यह भी पढ़ें:

धार्मिक रूप में प्रयोग होने वाली तुलसी किसानों के लिए एक उन्नत व्यावसायिक फसल है, जो बहुत ही कम समय में अधिक लाभ देने के लिए जाने जाती है। खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 के माध्यम से देहात के कृषि विशेषज्ञों से जुड़कर उचित सलाह लें।

1 Like
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ