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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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सितंबर महीने में करें इन सब्जियों की खेती, होगा अधिक मुनाफा

सितंबर महीने में करें इन सब्जियों की खेती, होगा अधिक मुनाफा

सितंबर महीना सब्जियों की खेती की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इस महीने कई तरह की सब्जियों की खेती की जाती है। बात करें सब्जियों की खेती से होने वाले मुनाफे की तो अलग-अलग मौसम के अनुसार विभिन्न सब्जियों की मांग हमेशा बनी रहती है। इस कारण सब्जियों की खेती करने वाले किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आइए इस महीने खेती की जाने वाली सब्जियों की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

सितंबर महीने में करें इन सब्जियों की खेती

  • शिमला मिर्च : शिमला मिर्च की खेती वर्ष में 3 से 4 बार सफलतापूर्वक की जा सकती है। बेहतर पैदावार के लिए इसकी बुवाई कतार में करें। सभी कतारों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए। बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से उपचारित करें। अच्छी पैदावार के लिए इसकी खेती भरपूर मात्रा में कार्बनिक पदार्थ युक्त बलुई दोमट मिट्टी करें।

  • पालक : पालक की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए इसकी खेती उचित जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी में करें। प्रति एकड़ भूमि में इसकी खेती के लिए 6 से 8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई के करीब 3 से 4 सप्ताह बाद फसल की पहली कटाई की जा सकती है। इसके बाद हर 15 से 20 दिनों के अंतराल पर इसकी 6 से 8 बार कटाई करें।

  • मेथी : मैदानी क्षेत्रों में मेथी की खेती के लिए मध्य सितंबर से नवंबर तक का समय उपयुक्त है। पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी बुवाई मार्च से मई महीने में की जाती है। दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में मेथी की खेती रबी एवं खरीफ दोनों मौसम में सफलतापूर्वक की जाती है। सामान्य मेथी की खेती के लिए प्रति एकड़ भूमि में 8 से 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। वहीं प्रति एकड़ भूमि में कसूरी मेथी की खेती के लिए 4 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • टमाटर : प्रति एकड़ खेत में टमाटर की खेती के लिए 150 से 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। यदि हाइब्रिड किस्मों की खेती कर रहे हैं तो प्रति एकड़ खेत में 60 से 80 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी। बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम केप्टान या 5 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें।

  • बैंगन : हमारे देश में सब्जियों में आलू के बाद सबसे ज्यादा बैंगन की खपत होती है। बैंगन कई रंग एवं आकार के होते हैं। इसकी खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। बेहतर पैदावार के लिए इसकी खेती कार्बिनक पदार्थ युक्त बलुई दोमट मिट्टी में करें।

  • मिर्च : मिर्च की खेती पूरे वर्ष की जा सकती है। इसकी खेती के लिए 18 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। नर्सरी में पौधे तैयार होने में करीब 25 से 35 दिनों का समय लगता है।

  • फूलगोभी : फूलगोभी की खेती के लिए यह समय उपयुक्त है। बीज के जमाव के लिए मिट्टी का भुरभुरा होआ आवश्यक है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 240 से 280 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। फूलगोभी के पौधों को फफूंद जनित रोगों से बचाने के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें।

  • गाजर : गाजर की देशी किस्मों की बुवाई के लिए अगस्त-सितंबर का महीना उपयुक्त है। यूरोपियन एवं अन्य विदेशी किस्मों की बुवाई अक्तूबर-नवंबर महीने में की जाती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बेहतर पैदावार के लिए इसकी खेती हल्की दोमट मिट्टी एवं बलुई दोमट मिट्टी में करें।

  • मूली : मूली के पौधों को ठंडे जलवायु की आवश्यकता होती है। मैदानी क्षेत्रों में मूली की खेती अगस्त-सितंबर महीने में की जाती है। इसके अलावा जनवरी-फरवरी महीने में भी इसकी बुवाई की जा सकती है। प्रति एकड़ खेत में मूली की खेती करने के लिए विभिन्न किस्मों के अनुसार 2 से 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से उपचारित करें।

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