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सितंबर महीने में किए जाने वाले कुछ प्रमुख कृषि कार्य
सितंबर महीने में किए जाने वाले कुछ प्रमुख कृषि कार्य
सितंबर महीने में कई कृषि कार्यों को करने की आवश्यकता होती है। यह समय कई फसलों की बुवाई / रोपाई के लिए उपयुक्त है। इसके साथ ही इस समय कुछ फसलों में खाद एवं उर्वरकों की भी पूर्ति की जाती है। वातावरण में अधिक नमी होने के कारण सितंबर महीने में फसलों में विभिन्न कीटों का भी प्रकोप होता है। बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए इस समय फसलों में किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए सितंबर महीने में किए जाने वाले कुछ प्रमुख कृषि कार्यों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
सितंबर महीने में किए जाने वाले कुछ प्रमुख कृषि कार्य
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सोयाबीन : इस समय पौधों में दानें बनने लगते हैं। दानें बनने के समय खेत में नमी की मात्रा को बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करें। खेत में नियमित निरीक्षण भी करें। जिससे कीटों का प्रकोप होने पर समय रहते नियंत्रण किया जा सके।
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सरसों : यह समय सरसों की अगेती किस्मों की बुवाई के लिए उपयुक्त है। प्रति एकड़ जमीन में खेती के लिए 2 से 2.5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से उपचरित करें।
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मक्का : मई-जून महीने में लगाए गए पौधों में भुट्टे पकने लगते हैं। भुट्टों के पकने पर उन्हें तोड़ कर धूप में अच्छी तरह सूखा लें। देर से बुवाई की गई फसल में इस समय तना छेदक कीट का प्रकोप होने का खतरा अधिक होता है। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ फसल मे 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें।
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टमाटर : टमाटर की खेती के लिए यह समय उपयुक्त है। यदि अगस्त महीने में टमाटर की रोपाई की गई है तो रोपाई के 25 से 30 दिनों बाद यूरिया का छिड़काव करें। पौधों में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें।
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