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सिगाटोका रोग का बढ़ रहा प्रकोप, तेजी से सूख रही हैं केले की पत्तियां

सिगाटोका रोग का बढ़ रहा प्रकोप, तेजी से सूख रही हैं केले की पत्तियां

सिगाटोका रोग के कारण केले की फसल बुरी तरह प्रभावित होती है। यह एक फफूंद जनित रोग है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों नीचले किनारे भाग पर भूरे रंग के धब्बे उभरने लगते हैं। रोग बढ़ने के साथ यह धब्बे पूरी पत्तियों पर फैल कर उन्हें सूखा देते हैं। इस रोग को फैलने से रोकने के लिए गंभीर रूप से प्रभावित केले की पत्तियों को काट कर पौधों से अलग करें और उन्हें मिट्टी में दबा दें या जलाकर नष्ट कर दें। इस रोग पर नियंत्रण के लिए मेटिराम 55% के साथ पाइराक्लोस्ट्रोबिन 5% WG की 450 ग्राम मात्रा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। इसके अलावा आप  प्रति एकड़ खेत में पाइराक्लोस्ट्रोबिन 20% WG की 450 ग्राम को 150 लीटर पानी में मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।

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