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शुष्क कृषि तकनीक से पाएं कम पानी में भी बेहतर उत्पादन
शुष्क कृषि तकनीक से पाएं कम पानी में भी बेहतर उत्पादन
शुष्क कृषि तकनीक
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कम बारिश और सिंचाई की समस्या से निजात पाने के लिए शुष्क कृषि तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
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यह तकनीक बारिश के पानी और जैविक खादों के उन्नत प्रयोग के आधार पर विकसित की गयी है।
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शुष्क कृषि तकनीक उन क्षेत्रों में प्रयोग की जाती है, जहां वार्षिक वर्षा 50 सें.मी. या उससे कम होती है।
शुष्क भूमि की समस्याएं
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नमी की कमी एवं अनिश्चित वर्षा
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सीमित फसलों का चयन
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उपज की गुणवत्ता और उत्पादकता में कमी
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वर्षा पर पूर्ण रूप से निर्भरता
शुष्क कृषि तकनीक के मुख्य पहलू
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मिट्टी में नमी संरक्षण के समय पर ही खेत की तैयारी या बीज बोने जैसे कार्य करें।
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खेत में गहरी जुताई, स्टबल मल्चिंग का प्रयोग करें।
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पानी के संरक्षण के लिए वाटर शेड का उपयोग करें।
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पानी की कम खपत के लिए ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग करें।
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फसल के बेहतर उत्पादन के लिए फसल चक्र अपनाएं।
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मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए जैविक उर्वरकों का प्रयोग करें।
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खेत में खरपतवार न उगने दें यह मिट्टी में पानी और पोषण को सोख लेते हैं।
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फसल योजना बनाएं और सीमित मिट्टी की नमी की स्थिति के अनुरूप फसल का चयन करें।
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