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शतावरी की खेती का उपयुक्त समय, जानें इसकी खेती का सही तरीका
शतावरी की खेती का उपयुक्त समय, जानें इसकी खेती का सही तरीका
शतावरी को आयुर्वेद में एक बहुत ही फायदेमंद जड़ी-बूटी के रूप में बताया गया है। इसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। अनेक बीमारियों की रोकथाम या इलाज में इसका प्रयोग किया जाता है। शतावरी की फसल बेल या झाड़ के रूप में उगती है, जिससे कम लागत में ही किसान इसकी खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी शतावरी की खेती कर रहे हैं तो हमारे साथ जानें खेती का उपयुक्त समय और खेती के तरीकों के बारे में।
शतावरी की खेती का उपयुक्त समय
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शतावरी बरसात के अलावा किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है।
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शतावरी की फसल को बीजों से उगाने के लिए अप्रैल से मई माह का समय सर्वोत्तम होता है।
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पौधे बीज बोने के 45 दिनों बाद रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। जून या जुलाई में वर्षा के प्रारम्भ में पौधों की रोपाई की जा सकती है।
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शतावरी की खेती पुरानी फसल के कंदो से भी की जा सकती है। जिसके लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का समय उपयुक्त है।
शतावरी की खेती का सही तरीका
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बीज छिड़कने के बाद इन पर गोबर मिश्रित मिट्टी की हल्की परत चढ़ा दी जाती है। ताकि बीज ठीक से ढक जाए।
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सतावर के पौधों की रोपाई के लिए खेत में मोटी मेड़ या नालियों का प्रयोग करें। मेड़ की ऊचाई 9 इंच तक रखें।
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खेत में वर्षा का पानी जमा न होने दें।
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पौधों के लिए नर्सरी तैयार करें। यदि एक एकड़ के क्षेत्र में खेती करना हो तो लगभग 100 वर्ग फीट की एक क्यारी बनाएं।
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खरपतवारों के नियंत्रण के लिए नियमित रूप से निराई गुड़ाई करें।
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