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श्री विधि से करें गेहूं की बुवाई, होगी दोगुनी पैदावार
श्री विधि से करें गेहूं की बुवाई, होगी दोगुनी पैदावार
गेहूं की बुवाई कई तरीकों से की जाती है। जिनमें श्री विधि भी शामिल है। श्री विधि से करें गेहूं की बुवाई करना किसानों के लिए बहुत लाभदायक साबित होती है। इस विधि से बुवाई करने बीज एवं उर्वरकों की मात्रा कम लगती है। अगर आप भी करने जा रहे हैं गेहूं की बुवाई तो श्री विधि से बुवाई की अधिक जानकारी एवं इसके फायदे जानना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
श्री विधि से कैसे करें गेहूं की बुवाई?
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खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ भूमि में 20 क्विंटल गोबर की खाद या 4 क्विंटल केंचुआ खाद मिलाएं।
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यदि खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी नहीं है तो बुआई से पहले खेत में पलेवा करें।
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आखिरी जुताई से पहले प्रति एकड़ भूमि में 27 किलोग्राम डी.ए.पी. एवं 13.5 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
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इसके बाद खेत में 8 इंच की दूरी पर क्यारियां तैयार करें।
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श्री विधि में अंकुरित बीज की बुवाई की जाती है। इसलिए बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है।
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सभी क्यारियों पर 8 इंच की दूरी पर 2 बीज डाल कर बुवाई करें।
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बुवाई के 1 सप्ताह बाद यदि पौधे नहीं आए तो उस जगह दोबारा बीज की रोपाई करें।
श्री विधि से गेहूं की बुवाई के फायदे
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अंकुरित बीज की बुवाई होने के कारण पौधे जल्दी निकलते हैं।
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इस विधि से बुवाई करने पर बीज की आवश्यकता कम होती है।
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पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
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