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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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शरदकालीन गन्ने की खेती

शरदकालीन गन्ने की खेती

विश्व में गन्ने के उत्पादन में भारत को दूसरा स्थान प्राप्त है। इसका सर्वाधिक उपयोग चीनी बनाने में किया जाता है। बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं। इन राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात में भी गन्ने की खेती की जाती है। अगर आप शरदकालीन गन्ने की खेती करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

बुवाई के लिए उपयुक्त समय

  • शरदकालीन गन्ने की बुवाई के लिए 15 सितंबर से 15 अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त है।

  • इसके अलावा इसकी बुवाई नवंबर में भी की जा सकती है।

खेत की तैयारी, खाद एवं उर्वरक

  • खेत तैयार करते समय सबसे पहले 1 बार गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद 2 से 3 बार हल्की जुताई करके खेत की मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी बना लें ।

  • आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 4 से 5 टन गोबर की खाद मिलाएं।

  • इसके अलावा प्रति एकड़ भूमि में करीब 60 से 72 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 से 32 किलोग्राम फास्फोरस और 16 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।

  • बेहतर पैदावार के लिए प्रति एकड़ जमीन में 4.8 किलोग्राम फेरस सल्फेट, 4.8 किलोग्राम कॉपर सल्फेट, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट और करीब 800 ग्राम बोरेक्स भी मिलाएं।

  • खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था करें।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • ठंड के मौसम में 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

  • गन्ने की फसल में खतपतवार की अधिक समस्या नहीं होती है।

  • खेत की मेड़ों पर पुवाल बिछाने से खरपतवार कम निकलते हैं।

  • कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करें।

मिट्टी चढ़ाना एवं कटाई

  • पौधों को गिरने से बचाने के लिए 2 बार मिट्टी चढ़ाएं और साथ ही गन्नों की बंधाई भी करें।

  • अक्टूबर - नवंबर में लगाए गए पौधों में पहली बार फरवरी - मार्च और दूसरी बार मई में मिट्टी चढ़ाएं।

  • गन्ने की कटाई जमीन की सतह के करीब से की जानी चाहिए।

अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। आप भी कर रहे हैं शरदकालीन गन्ने की खेती तो इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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