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शलजम की खेती है मुनाफे का सौदा
शलजम की खेती है मुनाफे का सौदा
कई तरह के विटामिन, मिनरल्स एवं एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर शलजम का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। केवल इतना ही नहीं इसकी पत्तियां पशुओं के लिए एक पौष्टिक आहार साबित होती है। इसकी खेती के लिए 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सबसे बेहतर है। अगर आप भी करना चाहते हैं शलजम की खेती तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप शलजम की खेती पर विस्तार से जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
बुवाई का सही समय
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शलजम की बुवाई जुलाई से नवंबर महीने के बीच की जाती है।
बीज की मात्रा
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प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 1.2 से 1.6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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बीज उपचारित करने की विधि
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बुवाई से पहले बीज उपचारित कर के हम फसल को कई हानिकारक रोगों एवं कीटों से बचा सकते हैं।
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प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम बाविस्टिन से उपचारित करें।
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इसके अलावा ति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कैप्टान से भी उपचारित कर सकते हैं।
बुवाई की विधि
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बीज की बुवाई कतारों में करनी चाहिए।
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सभी कतारों के बीच 30 से 40 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।
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पौधों से पौधों के बीच की दूरी करीब 10 से 15 सेंटीमीटर रखें।
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बीज की बुवाई 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में करें। इससे अधिक गहराई में बुवाई करने पर अंकुरण में कठिनाई होती है।
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शलजम की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां यहां से प्राप्त करें।
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