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शिवंश खाद के फायदे एवं इसे तैयार करने की विधि
शिवंश खाद के फायदे एवं इसे तैयार करने की विधि
शिवंश खाद बहुत कम खर्च में तैयार होने वाली उच्च गुणवत्ता की खाद है। इसे तैयार होने में समय भी कम लगता है। हम केवल 18 दिनों में ही इस खाद को तैयार कर सकते हैं। इस खाद का प्रयोग करने से उर्वरकों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। साथ ही फसलों की पैदावार में भी वृद्धि होगी। शिवंश खाद उपयोग करने के फायदे एवं इसे तैयार करने की विधि यहां से देखें।
शिवंश खाद उपयोग करने के फायदे
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उर्वरक पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
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फसलों की उपज में वृद्धि होती है।
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खेत की मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है।
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सिंचाई के समय पानी की आवश्यकता कम होती है।
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फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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खेत में यूरिया, डीएपी, एमओपी, आदि की आवश्यकता नहीं होती।
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पौधों को रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं होती।
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कम सामग्री से अच्छी खाद तैयार हो जाती है।
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इस खाद के प्रयोग से खेत की मिट्टी एवं वातावरण में किसी तरह की हानि नहीं होती है।
शिवंश खाद तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री
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यह खाद मुख्य तीन तरह की सामग्री से बनाई जाती है - सूखी सामग्री, हरी घास एवं गोबर।
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सूखी सामग्री में सूखी घास, सूखे हुए खरपतवार, सूखी हुई पत्तियां, लकड़ी के सूखे हुए टुकड़े, भूसा, फसलों के सूखे अवशेष आदि का प्रयोग करें।
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हरी सामग्री में हरी घास, हरी पत्तियां, आदि का प्रयोग करें।
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गाय, भैंस, बकरी, घोड़े, आदि के गोबर का प्रयोग करें।
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सुखी सामग्री, हरी सामग्री एवं गोबर का अनुपात 9:6:3 होना चाहिए।
शिवंश खाद तैयार करने की विधि
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सबसे पहले सूखी सामग्री की परत लगाएं। इसके बाद इसमें थोड़ा पानी डालें।
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इसके ऊपर हरी सामग्री की परत लगाएं। इसके ऊपर फिर से थोड़े पानी का छिड़काव करें।
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तीसरी परत गोबर की डालें।
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ढेर की ऊंचाई कम से कम 4 फुट होने तक इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं।
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इसे अच्छी तरह से ढक कर 4 दिनों तक ऐसे ही रहने दें।
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4 दिनों बाद इसे अच्छी तरह पलटते हुए मिलाएं। अच्छी तरह पलटने के बाद ढक दें।
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इसके बाद हर 2 दिनों के अंतराल पर 6 से 7 बार खाद को पलटें।
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18 दिनों बाद आपको उच्च गुणवत्ता की शिवंश खाद तैयार मिलेगी।
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इस खाद को किसी सूखी एवं छांव वाली जगह पर 3 महीने तक भंडारित कर सकते हैं।
कैसे करें शिवंश खाद का उपयोग?
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पौधों की रोपाई या बीज की बुवाई से 3 दिन पहले खेत में इसका छिड़काव करके जुताई करें। इससे खान समान रूप से खेत में मिल जाएगी।
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यदि खेत तैयार करते समय इसका प्रयोग नहीं किया गया है तो बुवाई के समय भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
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इसके अलावा खड़ी फसल में भी शिवंश खाद का प्रयोग कर सकते हैं।
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