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शिमला मिर्च में जड़ गलन की समस्या और बचाव
शिमला मिर्च में जड़ गलन की समस्या और बचाव
जड़ गलन एक मृदा जनित रोग है, जो शिमला मिर्च के अलावा हरी मिर्च, गोभी, टमाटर और बैंगन सहित कई सब्जियों में देखा जाता है। यह रोग मिट्टी में फंगस के रूप में पनपता है और पौधों की जड़ो से अपना प्रभाव डालना शुरू करता है। सही समय पर रोग की पहचान और रोकथाम न करने पर फसल में भारी नुकसान देखने को मिल सकता है। इसका असर सीधे तौर पर उत्पादन और आय में आने वाली कमी को दिखाता है। अगर आप भी शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं तो अपनी फसल में जड़ गलन रोग से बचाव के लिए निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं।
शिमला मिर्च में जड़ गलन रोग से होने वाले नुकसान
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इस रोग के कारण मिट्टी में बोए गए बीज अंकुरण से पहले ही नष्ट हो जाते हैं।
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इस रोग के कारण पौधों की जड़ें काली पड़ जाती हैं। जिससे पौधे मिट्टी से आवश्यक पोषक तत्व नहीं ले पाते हैं।
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रोग के शुरुआती समय में पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
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रोग लगने के एक से दो हफ्तों के भीतर ही पूरी फसल मुरझा कर गिर जाती है।
शिमला मिर्च मे जड़ गलन रोग से ऐसे करें बचाव
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बुवाई से पहले करें बीज उपचार।
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बुवाई के लिए उत्तम किस्म के बीज का उपयोग करें।
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रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत ही उपचार के तरीके अपनाएं।
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शिमला मिर्च की बुवाई के लिए उपयुक्त जल निकासी वाले क्षेत्र का चयन करें।
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इस रोग पर नियंत्रण के लिए देहात फुल स्टॉप की 25 से 30 ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी के साथ प्रति एकड़ के अनुसार छिड़काव करें।
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