पोस्ट विवरण
शिमला मिर्च की नर्सरी में पौधों के गलने की समस्या और रोकथाम
शिमला मिर्च की नर्सरी में पौधों के गलने की समस्या और रोकथाम
मिर्च परिवार की फसलों में पौधों के गलने की समस्या एक बेहद ही आम लेकिन एक भयानक समस्या है। पौधों में यह समस्या जड़ गलन रोग के कारण देखी जाती है, जिसे सामान्य तौर पर डैम्पिंग ऑफ के नाम से भी जाना जाता है। डैम्पिंग ऑफ एक मृदा जनित रोग है, जो नर्सरी में ही पौधों की जड़ो पर अपना प्रभाव डालकर पौधों को गलाने का काम करता है। बारिश के मौसम में इस रोग का संक्रमण तेजी से बढ़ता है। जिसके बचने के लिए बीज उपचार जैसे तरीके अपनाए जाने आवश्यक है। शिमला मिर्च के पौधों में गलने की समस्या के रोकथाम के उपायों की पूरी जानकारी यहां देखें।
रोग के लक्षण
-
मिट्टी में उपस्थित फफूंद के कारण बीज अंकुरण से पहले ही नष्ट हो जाते हैं।
-
शुरुआत में पौधों की पत्तियां पीली होने लगती हैं।
-
पौधे मिट्टी से पोषण नहीं ले पाते हैं।
-
पौधों की जड़ें काली हो जाती हैं।
रोकथाम के उपाय
-
रोग के प्रति सहनशील किस्मों का ही चुनाव करें।
-
खेत में उचित जल निकासी का प्रबंध रखें।
-
देहात फुल स्टॉप की 25 से 30 ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी के साथ प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
-
100 ग्राम ट्राइकोडर्मा की मात्रा को 10 लीटर पानी में मिलाएं और बीज को 10 से 15 मिनट तक डुबोकर रखें। बीज बोने से पहले 20 से 30 मिनट के लिए बीज को छाया में सुखाएं।
-
मेटलैक्सिल-एम 31.8% ई.एस की 2 ग्राम मात्रा का प्रयोग प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करने के लिए करें।
यह भी पढ़ें:
ऊपर दी गयी जानकारी पर अपने विचार और कृषि संबंधित सवाल आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते हैं। यदि आपको आज के पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। साथ ही कृषि संबंधित ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ