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सही समय पर कर लें तुलसी की पहली कटाई, तेल की मात्रा में आ सकती है कमी
सही समय पर कर लें तुलसी की पहली कटाई, तेल की मात्रा में आ सकती है कमी
तुलसी हिंदू धर्म में एक पूजनीय पौधा माना जाता है और लगभग प्रत्येक घर के आंगन में यह आपको देखने को मिल जाएगा। यह पौधा न केवल घर आंगन की शोभा बढ़ाने का काम करता है बल्कि आसपास की हवा को भी शुद्ध करके एक सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखता है। तुलसी आयुर्वेद में कई तरह के औषधि निर्माण में एक प्रमुख तत्व है, ऐसे में किसानों के लिए तुलसी की खेती आय बढ़ाने के एक बेहतर साधन के रूप में भी देखी जाने लगी है। किसान पारंपरिक फसलों की खेती छोड़ तुलसी की खेती में रुचि लेने लगे हैं और इतना ही नहीं बल्कि बाजार में एक अच्छा भाव मिलने के कारण किसानों को इसकी खेती का भरपूर लाभ भी हो रहा है।
तुलसी की बुवाई जुलाई से अगस्त माह में पूरी कर ली जाती है, जिसके बाद लगभग 10 से 12 हफ्तों में अक्टूबर से नवंबर माह के प्रारम्भ में यह फसल अपनी पहली कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाती है। कटाई पौधों के 6 से 8 इंच लंबे हो जाने पर कर लेनी चाहिए, जिसके लिए आप हाथों या कैंची का इस्तेमाल कर सकते हैं। तुलसी के पौधों में अधिक तेल प्राप्त करने के लिए समय-समय पर पौधों की कटाई आवश्यक होती है, साथ ही एक सही विधि से की गयी पौधों की कटाई भविष्य में प्राप्त होने वाली गुणवत्ता और लाभ पूर्ण फसल प्राप्ति के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। तुलसी की फसल कटाई से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आप पोस्ट में नीचे पढ़ सकते हैं।
कटाई करते समय तने को नुकसान न पहुंचाएं- पौधों की कटाई ऊपरी हिस्से से करें। पौधों के लंबे तने को पहले काटें ताकी निचली नई अंकुरित शाखाएं पूर्ण रूप से विकसित होकर अधिक फैल पाएं। तनों को काटने के लिए प्रायः छोटी कैंची का प्रयोग किया जाता है, कटाई के समय पूरी तरह से विकसित लीफ नोड के 1 इंच ऊपर से ही पौधों को काटें। इस प्रकार से काटी गई फसल अधिक घनी होती है।
फूल खिलने से पहले फसल कटाई है जरूरी- तुलसी के पौधों में फूल खिलना नई पत्तियों के अंकुरण में बाधा बन सकता है, जिसके लिए जरूरी है कि पौधों को खिलने से पहले ही काटा जाए। फसल को अधिक ठंड पड़ने से पहले काटना आवश्यक है ताकि पौधे बसंत के मौसम तक दोबारा कटने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएं।
तेज धार वाले औजारों का करें प्रयोग- तुलसी की कटाई के लिए तेज धार वाले औजार जैसे हैंड प्रुनर का इस्तेमाल करें। कम धार वाले औजार तनों को टेढ़ा काट सकते हैं, जिससे पौधों के विकास में बाधा आ सकती है।
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तुलसी के स्वास्थ्य लाभ और इसके उपयोगों से हम सभी भली भांति परिचित है, जिसके कारण केवल घरों के आंगन तक सीमित रह जाने वाले यह पौधा आज बड़े पैमाने पर औषधीय फसल के रूप बोया और काटे जाने लगा है। किसान न केवल व्यावसायिक लाभ के रूप में फसल को उगाने लगे हैं, बल्कि पारंपरिक फसलों से अधिक लाभ प्राप्त कर एक बेहतर भविष्य की ओर भी बढ़ने लगे हैं। यदि आप भी तुलसी की खेती करने के इच्छुक हैं और खेती से अधिक आय कमाना चाहते हैं, तो फसल में बुवाई से कटाई तक की प्रक्रिया की पूरी जानकारी के लिए आज ही देहात ऐप डाउनलोड करें। इसके अलावा आप टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 के माध्यम से भी देहात के कृषि विशेषज्ञों से जुड़ सकते हैं।
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