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रतनजोत : इस तरह करें पौधे तैयार, होगी बेहतर पैदावार
रतनजोत : इस तरह करें पौधे तैयार, होगी बेहतर पैदावार
रतनजोत यानी जैट्रोफा में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसलिए आयुर्वेद में इसका एक विशेष स्थान है। इसके बीज में 25 से 30 प्रतिशत तक तेल की मात्रा पाई जाती है। इसका उपयोग ईंधन के निर्माण में किया जाता है। इसके अलावा इससे बिजली भी पैदा की जा सकती है। बहुउपयोगी फसल होने के कारण इसकी खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक साबित होती है। आइए इसकी खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
रतनजोत की खेती के लिए नर्सरी की तैयारी
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इसकी नर्सरी तैयार करने के लिए मार्च-अप्रैल का महीना उपयुक्त है।
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इसकी नर्सरी पौधों की कटिंग लगा कर तैयार की जाती है।
मुख्य खेत में पौधों की रोपाई
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मुख्य खेत में पौधों की रोपाई जुलाई से सितम्बर महीने के बीच करनी चाहिए।
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असिंचित क्षेत्रों में 2×2 मीटर की दूरी पर पौधों की रोपाई करें।
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सिंचित क्षेत्रों में सभी पौधों के बीच 3×3 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
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मुख्य खेत में पौधों की रोपाई के लिए खेत में 45 सेंटीमीटर लम्बाई, 45 सेंटीमीटर गहराई एवं 45 सेंटीमीटर चौड़ाई में गड्ढे तैयार करें।
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सभी गड्ढों में 4 किलोग्राम मिट्टी के साथ 3 किलोग्राम कम्पोस्ट खाद एवं 3 किलोग्राम रेत मिला कर भरें।
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इसके साथ ही सभी गड्ढों में 20 ग्राम यूरिया, 120 ग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं 15 ग्राम म्युरेट ऑफ पोटाश का भी प्रयोग करें।
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रतनजोत की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां यहां से प्राप्त करें।
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