किसानों की अधिक कमाई के लिए रजनीगंधा की खेती एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। इसके फूलों से निकलने वाले तेल से इत्र, सौंदर्य प्रसाधन, पान मसाला, आयुर्वेदिक दवाएं, पेय पदार्थ, माउथ वॉश, डेंटल क्रीम, आदि तैयार किया जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग विभिन्न मालाएं बनाने एवं समारोहों की शोभा बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। रजनीगंधा की खेती के लिए खेत तैयार तैयार करने की विधि यहां से देखें।
इस तरह तैयार करें खेत
सबसे पहले खेत में 1 बार 6 से 8 इंच की गहराई तक जुताई करें। गहरी जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाली हल का प्रयोग करें।
इसके बाद देशी हल या कल्टीवेटर के द्वारा 2 से 3 बार हल्की जुताई करें।
खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए पाटा लगाएं।
आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 12 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद मिलाएं।
आप चाहें तो नीम की खली का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसे प्रयोग करने से मृदा जनित रोगों के होने की संभावना कम हो जाती है।
इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 16 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।
खेत तैयार करते समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा के साथ फॉस्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा खेत में मिलाएं।
बचे हुए नाइट्रोजन को 2 भागों में बांट कर खड़ी फसल में छिड़काव करें।
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रजनीगंधा की खेती के लिए उपयुक्त समय, मिट्टी एवं जलवायु की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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