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रजनीगंधा : खेती से पहले जानें इसकी बेहतरीन किस्में

रजनीगंधा : खेती से पहले जानें इसकी बेहतरीन किस्में

विवाह,विभिन्न समारोह, त्योहार एवं पूजा-पाठ शुरू होने के कारण रजनीगंधा के फूलों की मांग बढ़ने लगी है। फूलों की मांग के साथ ही इसकी कीमत में भी उछाल आई है। इसकी खेती से किसान कम समय में अधिक लाभ कमा सकते हैं। अगर आप भी करना चाहते हैं रजनीगंधा की खेती तो इसकी कुछ प्रमुख किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

रजनीगंधा की कुछ प्रमुख किस्में

रजनीगंधा की किस्मों को फूलों की पंखुड़ियों की कतार, स्पाइक की लम्बाई एवं फूलों की संख्या के आधार पर मुख्यतः 4 भागों में बांटा गया है।

  • एक पुष्प वाली (सिंगल टाइप) : इस किस्म के फूलों में पंखुड़ियां एक कतार में होती हैं। इस किस्म के फूल लम्बे, सफेद एवं अधिक सुगंधित होते हैं। सुगंधित तेल निकालने के लिए इस किस्म का प्रमुखता से उपयोग किया जाता है।

  • दोहरे पुष्प वाली (डबल टाइप) : समें पंखुड़ियों की तीन से अधिक कतारें होती हैं। फूल हलकी लालिमा लिए क्रीम से सफेद रंग के होते हैं। फूलों की पंखुड़ियां पूरी तरह से खुलती नहीं हैं। इस किस्म के फूलों में अधिक सुगंध नहीं होता है।

  • अर्ध दोहरे पुष्प वाली (मध्यम प्रकार) : इस किस्म के पौधों में सफेद रंग के फूल खिलते हैं। पंखुड़ियों की 2 से 3 कतारें होती हैं। अन्य किस्मों की तुलना में अधिक सुगंधित होने के कारण इस किस्म के फूलों का उपयोग इत्र बनाने में किया जाता है।

  • अलंकारिक पत्तियों वाली : इस किस्म की पत्तियां दो रंग की होती हैं। रजतरेखा तथा स्वर्णरेख किस्म की रजनीगंधा अलंकारिक पत्तियों वाले प्रकार में शामिल हैं। रजतरेखा किस्म के फूल सिंगल टाइप के होते हैं और इसकी पत्तियों के मध्य में चमकीली सफेद धारी होती हैं। वहीं स्वर्णरेखा किस्म के फूल डबल टाइप के होते हैं और पत्तियों के किनारे हरे एवं सुनहरे रंग के होते हैं।

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