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रबी मक्का : खेत की तैयारी एवं भूमि उपचार
रबी मक्का : खेत की तैयारी एवं भूमि उपचार
मक्के का प्रयोग रोटियों से ले कर पॉपकॉर्न, कॉर्नफ्लेक्स, बेबीकॉर्न, आदि कई लाजवाब खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है। इसके अलावा मक्के के कुल उत्पादन का करीब 65 प्रतिशत मक्का मुर्गियों एवं अन्य पशुओं के आहार में प्रयोग किया जाता है। अगर आप रबी के मौसम में मक्का की खेती करना चाहते हैं तो यहां से खेत तैयार करने की विधि देख सकते हैं। इसके साथ ही अच्छी उपज एवं उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए आप यहां से खाद एवं उर्वरकों की सही मात्रा भी देख सकते हैं।
खेत की तैयारी एवं उर्वरक की मात्रा
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मक्का की बुवाई के लिए खेत तैयार करते समय 2 बार गहरी जुताई करें। गहरी जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाली हल या डिस्क हैरो का प्रयोग कर सकते हैं।
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इसके बाद 2 बार देशी हल या कल्टीवेटर से हल्की जुताई करें।
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अच्छी फसल के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 टन अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
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खेत में कभी भी कच्ची गोबर का प्रयोग न करें। कच्ची गोबर में दीमक के पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
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प्रति एकड़ खेत में 48 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस और 16 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।
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नाइट्रोजन की आधी मात्रा यानि 24 किलोग्राम नाइट्रोजन और फास्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा खेत की जुताई के समय मिलाएं।
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बची हुई आधी नाइट्रोजन का छिड़काव खड़ी फसल में करें।
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खेत की मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाने के लिए जुताई के बाद पाटा लगाना जरूरी है।
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बीज की बुवाई के लिए खेत में 60 सेंटीमीटर की दूरी पर क्यारियां तैयार कर लें।
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सभी क्यारियों पर 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज की बुवाई करें।
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बीज की बुवाई 5 सेंटीमीटर की गहराई में करें।
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