पोस्ट विवरण
प्याज : विल्ट रोग की पहचान एवं नियंत्रण से पाएं अधिक पैदावार
प्याज : विल्ट रोग की पहचान एवं नियंत्रण से पाएं अधिक पैदावार
प्याज की फसल में कई प्रकार के रोग और कीट लगते हैं। जिनके कारण फसल के उत्पादन और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। अगर समय रहते इनकी पहचान कर, इलाज नहीं किया गया तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसा ही एक रोग है झुलसा रोग या जिसे विल्ट रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग फसल की पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है। आज हम किसानों को इसके लक्षण एवं रोकथाम के बारे में बताएंगे। जिससे समय रहते किसान इसकी रोकथाम कर इलाज कर सकें और अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। झुलसा रोग एवं इसके इलाज के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
विल्ट रोग के लक्षण
-
इस रोग के लक्षण मुख्यत: प्याज के पत्तों पर नजर आते हैं।
-
यह स्टेमफिलियम बेसिकेरियम नामक कवक के कारण होता है।
-
यह रोग शुरुआत में प्याज के पत्तों या डंडलो पर सफेद पीले रंग के धब्बों के रूप में होता है।
-
कुछ समय बाद ये धब्बे मिलकर बड़े एवं भूरे रंग के हो जाते हैं।
-
बाद में ये धब्बे गहरे भूरे या काले रंग के हो जाते हैं।
-
धब्बे पत्तियों के किनारे से बढ़ते हुए पूरी पत्ती में फैल जाते हैं, जिसके कारण पत्तियां झुलसी हुई दिखाई देती हैं।
विल्ट रोग से बचाव एवं नियंत्रण के उपाय
-
स्वस्थ एवं अच्छी किस्म के बीज का प्रयोग करें।
-
लम्बा फसल चक्र अपनाएं।
-
संक्रमित फसलों के अवशेष को इकट्ठा कर जला दें।
-
मई-जून के महीने में खेत में गहरी जुताई करें।
-
बीज को कैप्टान या थीरम से 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीजोपचार करें।
-
रोपाई के बाद फसल में बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर क्लोरोथैलोनिल 2.0 ग्राम प्रति लीटर या मैंकोज़ेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर छिड़कें।
-
मिट्टी के जैविक उपचार के लिए फसल की बुआई के 20 से 30 दिन बाद स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से या ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़कें।
यह भी पढ़ें :
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और प्याज की खेती में लगने वाले विल्ट रोग का इलाज कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ