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प्याज : थ्रिप्स से बचाव
प्याज : थ्रिप्स से बचाव
रोपाई के 2 से 3 सप्ताह बाद थ्रिप्स का प्रकोप नजर आने लगता है। प्याज के अलावा मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, आदि कई फसलों में इस कीट का प्रकोप होता है। प्याज की फसल को इस हानिकारक कीट से बचाने के लिए नियंत्रण के उपाय यहां से देखें।
प्रकोप का लक्षण
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यह कीट प्याज की पत्तियों का रस चूस कर पौधों को कमजोर बना देते हैं।
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पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है और पैदावार में भी कमी होती है।
बचाव के उपाय
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प्रति किलोग्राम बीज को 2 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड से उपचारित करें।
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कीट को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।
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प्याज की फसल को थ्रिप्स एवं अन्य रस चूसक कीटों से बचाने के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 ब्लू स्टिकी ट्रैप लगाएं।
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इस कीट से निजात पाने के लिए 10 लीटर पानी में 30 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर टाटा मिडा मिलाकर छिड़काव करें।
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प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करने से इस कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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आवश्यकता होने पर 8 से 10 दिनों के अंतराल पर इन दवाओं का दोबारा छिड़काव करें।
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इस पोस्ट में बताई गई दवाओं एवं उपायों को अपनाकर प्याज की फसल को थ्रिप्स से आसानी से बचा सकते हैं। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। प्याज की खेती से जुड़े अपने सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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