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प्याज : थ्रिप्स का बढ़ रहा प्रकोप, करें इन दवाओं का प्रयोग
प्याज : थ्रिप्स का बढ़ रहा प्रकोप, करें इन दवाओं का प्रयोग
प्याज की फसल में थ्रिप्स का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वातावरण में नमी कम होने पर स कीट का प्रकोप अधिक होता है। कई क्षेत्रों में किसानों को थ्रिप्स पर नियंत्रण करने में बहुत कठिनाई हो रही है। अगर आप भी कर रहे हैं गेहूं की खेती और बार-बार दवाओं का प्रयोग करने के बाद भी थ्रिप्स पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप थ्रिप्स पर नियंत्रण के सटीक उपाय जान सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
प्याज की फसल में थ्रिप्स से होने वाले नुकसान
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यह कीट प्याज की पत्तियों का रस चूसते हैं।
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जिससे पत्तियां मुड़ने लगती हैं।
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धीरे-धीरे पत्तियां पीली होने लगती हैं।
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थ्रिप्स का प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है।
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समूह में होने के कारण यह कम समय में फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
थ्रिप्स के प्रकोप का शुरूआती लक्षण नजर आने पर
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प्रति एकड़ भूमि में 6 से 8 ब्लू स्टिकी ट्रैप लगाएं।
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प्रति लीटर पानी में 0. 3 ग्राम बायर का जम्प मिला कर छिड़काव करने से थ्रिप्स पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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इस कीट पर नियंत्रण के लिए 10 लीटर पानी में 30 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
थ्रिप्स का प्रकोप बढ़ने पर
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ऊपर बताई गई दवाओं का 1 से 2 बार छिड़काव करने पर भी अगर थ्रिप्स पर नियंत्रण नहीं हो रहा है तो नीचे बताई गई दवाओं का प्रयोग करें।
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प्रति एकड़ खेत में 4 ग्राम फिप्रोनिल 80 प्रतिशत का छिड़काव करें। यह दवा बाजार में जम्प के नाम से उपलब्ध है।
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इसके अलावा आप प्रति एकड़ खेत में 4 ग्राम इमिडाक्लोप्रिड 70 प्रतिशत का भी प्रयोग। यह दवा बाजार में एडमायर नाम से उपलब्ध है।
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