पोस्ट विवरण
प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग का प्रकोप
प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग का प्रकोप
प्याज की फसल में बैंगनी धब्बा रोग के कारण फसल की गुणवत्ता कम हो जाती है। यह एक फफूंद जनित रोग है। यह रोग अल्टरनेरिया पोरी नामक कवक के कारण होता है। प्याज की फसल को इस रोग से बचाने के लिए इस रोग पर नियंत्रण के तरीकों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से प्याज की फसल की क्षति पहुंचाने वाले बैंगनी धब्बा रोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
बैंगनी धब्बा रोग से होने वाले नुकसान
-
इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर छोटे अंडाकार धब्बे उभरने लगते हैं।
-
धीरे-धीरे धब्बे बैंगनी से भूरे होने लगते हैं।
-
धब्बों के किनारे पीले रंग के होते हैं।
-
कुछ समय बाद धब्बों के पीले किनारे फैलने लगते हैं।
-
रोग बढ़ने पर पत्तियों के ऊपर एवं नीचे घाव बनने लगते हैं।
-
धीरे-धीरे पत्ते मुरझाने लगते हैं और पौधे सूखने लगते हैं।
बैंगनी धब्बा रोग पर नियंत्रण के तरीके
-
प्याज की फसल को बैंगनी धब्बा रोग से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं।
-
बैंगनी धब्बा रोग से प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
-
खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण रखें।
-
प्रति एकड़ भूमि में 200 लीटर पानी में 200 मिलीलीटर मैंकोजेब 63 डब्लूपी मिला कर छिड़काव करें।
-
आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
-
इसके अलावा प्रति एकड़ भूमि में 250 से 300 ग्राम एंट्राकोल नामक दवा का छिड़काव कर सकते हैं। प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम एंट्राकोल मिला कर छिड़काव करें।
यह भी पढ़ें :
-
रबी मौसम में खेती के लिए प्याज की उन्नत किस्मों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए प्याज की बेहतर फसल प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ