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Krishi Gyan
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प्याज के कंदों के आकार में वृद्धि का आसान तरीका

प्याज के कंदों के आकार में वृद्धि का आसान तरीका

कई बार प्याज के कंदों के आकार के उचित विकास नहीं होने के कारण पैदावार में भारी कमी आती है। जिससे किसानों को उचित मुनाफा नहीं मिल पाता है। प्याज के कंद के आकार में वृद्धि के लिए कई बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। जिनमें उर्वरक प्रबंधन एवं खरपतवारों पर नियंत्रण भी शामिल है। पौधों में पोषक तत्वों की कमी होने पर कंदों का आकार छोटा रह जाता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम प्याज के कंदों के आकार में वृद्धि लाने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

प्याज के कंदों के आकार में वृद्धि का आसान तरीका

  • उर्वरक प्रबंधन : पौधों एवं कंदों के बेहतर विकास के लिए खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ भूमि में 20 किलोग्राम यूरिया, 36 किलोग्राम डीएपी एवं 30 किलोग्राम पोटाश मिलाएं। इसके साथ ही खेत में सल्फर का भी प्रयोग करें।

  • कम्पोस्ट खाद का प्रयोग : उच्च गुणवत्ता की फसल के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 टन कंपोस्ट खाद मिलाएं।

  • खड़ी फसल में उर्वरक प्रबंधन : बुवाई के करीब 30 दिनों बाद खड़ी फसल में यूरिया का छिड़काव करें।

  • खरपतवार प्रबंधन : कंद में वृद्धि के लिए खरपतवार पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। खरपतवार की अधिकता से पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। ऐसे में कंद का आकार छोटा रह जाता है। इसलिए खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए आवश्यकता के अनुसार निराई-गुड़ाई करें।

  • देहात स्टार्टर का प्रयोग : प्याज के कंद के आकार में वृद्धि के लिए कुछ जैविक उत्पादों का प्रयोग लाभदायक सिद्ध होता है। प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम देहात स्टार्टर प्रयोग करने से कंद के आकार में वृद्धि होगी। इसमें सूक्ष्म सकारात्मक जैविक फफूंद मौजूद होते हैं, जो जड़ों के अच्छे विकास के लिए सहायक है। साथ ही इसके प्रयोग से फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है।

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