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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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पत्ती वाली सब्जियां : पत्ती एवं तना गलन से बचाव

पत्ती वाली सब्जियां : पत्ती एवं तना गलन से बचाव

पत्ती वाली सब्जियों में पालक, मेथी, धनिया, पुदीना, हरी प्याज, बथुआ, सरसों, आदि शामिल हैं। ठंड के मौसम में इनकी खेती करने वाले किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन यदि इन सब्जियों में पत्ती एवं तना गलन रोग लग जाए तो इससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। पत्ती वाली सब्जियों को तना गलन रोग से बचाने के उपाय एवं इस रोग के लक्षण यहां से देखें।

रोग का लक्षण

  • रोग से प्रभावित पौधों के तने भूरे रंग के होने लगते हैं।

  • शाखाएं एवं पत्तियां सूखने लगती हैं।

  • पौधों का विकास रुक जाता है।

  • रोग बढ़ने पर तना सड़ने के कारण पौधे मर जाते हैं।

नियंत्रण के तरीके

  • बुवाई से पहले प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर कार्बेन्डाजिम मिला कर 1 किलोग्राम बीज को उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से भी उपचारित किया जा सकता है।

  • इसके बाद प्रति किलोग्राम बीज को 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी से उपचारित करें।

  • यदि खेत में हर वर्ष तना गलन रोग होता है तो बुवाई के 45 से 50 दिनों बाद 0.1 प्रतिशत बाविस्टिन के घोल का छिड़काव करें।

यह भी पढ़ें :

  • सब्जियों की फसलों में फूल एवं फलों को झड़ने से बचाने के उपाय जानने के लिए यहां क्लिक करें।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाएं तना गलन रोग पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होंगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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