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पत्तागोभी : हीरक कीट से बचाव
पत्तागोभी : हीरक कीट से बचाव
हीरक कीट गोभी वर्गीय सब्जियों जैसे पत्ता गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, आदि को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले कीटों में से एक है। इस कीट का सबसे अधिक प्रकोप पत्ता गोभी की फसल में देखने को मिलता है। अगर आप भी पत्ता गोभी की खेती कर रहे हैं और अपनी फसल को इस कीट से बचाना चाहते हैं तो यहां से हीरक कीट पर नियंत्रण के उपाय देख सकते हैं। इसके साथ ही यहां से आप इनके प्रकोप से होने वाले नुकसान की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
कीट की पहचान
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इस कीट की सुंडी शुरुआत में हल्के हरे एवं पीले रंग की होती है।
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कुछ समय बाद इनका रंग पत्तियों के रंग के समान हो जाता है।
होने वाले नुकसान
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यह कीट पत्तियों की निचली सतह को खुरच कर हरे पदार्थ को खाते हैं।
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कीटों का प्रकोप बढ़ने पर पत्तियों में छोटे छेद नजर आने लगते हैं।
बचाव के उपाय
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नीम के बीज का अर्क इस कीट पर नियंत्रण के लिए असरदार साबित होता है।
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इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिलाकर पौधों के ऊपर छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में 25 ग्राम क्लोरेंट्रनिलीपरोले 18.5 प्रतिशत एस.सी का प्रयोग करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के उपयोग से आप पत्ता गोभी की फसल को हीरक कीट के प्रकोप से बचा सकते हैं। यदि आपको यहां दी गई जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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