पत्ता गोभी की फसल में कई तरह के कीट के प्रकोप का खतरा बना रहता है। जिनमे से एक है पिस्सू भृंग। इसे फ्ली बीटल भी कहा जाता है। वर्षा के मौसम में इसका प्रकोप सबसे अधिक होता है। इस कीट के कारण 25 से 60 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। पत्ता गोभी की फसल को इससे बचाने के लिए इस कीट की पहचान, प्रकोप के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय यहां से देखें।
कीट की पहचान
इस कीट की लंबाई करीब 4 मिलीमीटर होती है।
यह अंडाकार एवं काले रंग के होते हैं।
कई बार यह थोड़े चमकदार से दीखते हैं।
कीट के प्रकोप का लक्षण
यह कीट पत्तियों को खाते हैं जिससे पत्तियों में छोटे-छोटे छेद दिखने लगते हैं।
कुछ समय बाद पूरी पत्तियां जालीदार नजर आने लगती हैं।
प्रकोप बढ़ने पर पत्ता गोभी में कई छोटे छेद देखे जा सकते हैं।
यह कीट दिन के समय मिट्टी में रहते हैं और रात होने पर यह अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
रोकथाम के उपाय
पिस्सू भृंग को आकर्षित करने के लिए ट्रैप का प्रयोग करें।
प्रति एकड़ खेत में 1 किलोग्राम बेवेरिया बेसियाना का छिड़काव करें।
प्रति एकड़ खेत में 120 ग्राम थियामेथोक्सम 30 एफ.एस का छिड़काव करने से भी इस कीट से निजात पाया जा सकता है।
इसके अलावा आप प्रति एकड़ जमीन में 50 मिलीलीटर फेनवेलरेट 20 प्रतिशत का भी छिड़काव कर सकते हैं।
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इन दवाओं के प्रयोग से आप पत्ता गोभी की फसल में लगे पिस्सू भृंग से आसानी से निजात पा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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