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पत्ता गोभी: माहू के बढ़ते प्रकोप से बढ़ी किसानों की परेशानी
पत्ता गोभी: माहू के बढ़ते प्रकोप से बढ़ी किसानों की परेशानी
पत्ता गोभी में फसल की रोपाई से लेकर फसल के आखिरी चरण तक माहू कीट का प्रकोप देखने को मिल सकता है। ये एक प्रकार के नरम शरीर वाले रस चूसक कीट होते हैं, जो पत्तियों की सतह पर कलोनियां बनाकर रहते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सितंबर से अक्टूबर का समय कीट के शारीरिक विकास के अनुकूल देखा गया है और वातावरण में 25 से 30 डिग्री तापमान कीट की संख्या में एक तेजी से इजाफे का कारण बन जाता है। माहू इतने शक्तिशाली कीट होते हैं की इनकी भारी संख्या छोटे पौधों को पूरी तरह से मार सकती है, एवं विकसित पौधों पर इनका लगातार सेवन पत्तियों के आकार को विकृत कर देता है। फसल में माहू का प्रकोप एक भीषण समस्या है, जो न केवल संक्रमित फसल को बर्बाद करने का काम करती है बल्कि नजदीकी खेतों और फसलों पर फैलकर उन्हें भी अपनी चपेट में ले लेती है।
कीट की पहचान
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कीट 2 से 2.5 मिलीमीटर लम्बा और हरे रंग का दिखाई देता है।
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कीट की बाहरी त्वचा स्लेटी रंग की मोमी परत से ढकी हुई रहती है, जिसकी वजह से इसके शरीर का हरा रंग स्पष्ट दिखाई नहीं देता है।
ऐसे करें कीट का प्रबंधन
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खेत में खरपतवार न पनपने दें।
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संक्रमित पौधों एवं उनके अवशेषों को हटा दें और खेत से बाहर ले जा कर नष्ट कर दें।
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ऐसिटामिप्रिड 20 % एसपी की 30 ग्राम या डायमेथोएट 30% ईसी की 264 मिलीलीटर मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ खेत के अनुसार करें।
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कीटनाशक को माहू के मोमी सतह में घुसने में मदद करने के लिए मिश्रण में एक वेटिंग एजेंट का भी प्रयोग करें।
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कीट की गंभीरता का अंदाजा लगाने के लिए नियमित रूप से खेत का निरीक्षण करते रहना चाहिए।
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पत्ता गोभी पर नर्सरी से लेकर फसल की कटाई अवस्था तक कई प्रकार के कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है, जिनमें रस चूसक कीटों के संक्रमण और उससे होने वाले फसल नुकसान से आप किसान भली भांति परिचित होंगे। फसल में प्रारंभिक बचाव एवं खेती में आ रही किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए आप देहात टोल-फ्री नंबर 1800-1036-110 पर कॉल कर कृषि वैज्ञानिकों से उचित सलाह ले सकते हैं।
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