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पत्ता गोभी : बेहतर पैदावार के लिए करें इन किस्मों की खेती
पत्ता गोभी : बेहतर पैदावार के लिए करें इन किस्मों की खेती
हरी पत्तेदार सब्जियों में पत्ता गोभी की खेती प्रमुखता से की जाती है। इसे बंद गोभी एवं कैबेज के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खेती ठंड के मौसम में की जाती है। इसकी खेती करने से पहले कुछ उन्नत किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम पत्ता गोभी की कुछ उन्नत किस्मों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पत्ता गोभी की कुछ उन्नत किस्में
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पूसा मुक्ता : इस किस्म की पत्ता गोभी गोल एवं सपाट होता है। इसके साथ ही यह माध्यम आकार के एवं हल्के हरे रंग के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 1.5 से 2 किलोग्राम तक होता है। यह किस्म काली सडन रोग के प्रति सहनशील होती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 10 12 टन तक पैदावार होती है।
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अर्ली ड्रम हेड : यह जल्दी पकने वाली किस्मों में से एक है। इस किस्म की पत्ता गोभी चपटे एवं मध्यम से बड़े आकार के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 2 से 3 किलोग्राम होता है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 8 से 12 टन तक पैदावार होती है।
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क्विस्टो : यह पत्ता गोभी की संकर किस्मों में से एक है। इस किस्म के फल आकार में गोल एवं सख्त होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 3 से 5 किलोग्राम होता है। रोपाई के 80 से 85 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ खेत से 14 से 16 टन तक पत्ता गोभी की उपज होती है।
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क्रांति : यह जल्दी तैयार होने वाली संकर किस्म किस्म है। रोपाई के बाद फसल को तैयार होने में 60 से 65 दिनों का समय लगता है। इस किस्म के एक फल का वजन करीब 1 किलोग्राम होता है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने करीब 8 टन तक पैदावार होती है।
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