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परवल
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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परवल की फसल में अधिक उत्पादन के लिए करें उचित पोषक तत्वों का इस्तेमाल

परवल की फसल में अधिक उत्पादन के लिए करें उचित पोषक तत्वों का इस्तेमाल

परवल एक पौष्टिक सब्जी है। इसका उपयोग सब्जी, अचार और मिठाई बनाने में किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद सब्जी है। इसकी खेती अन्य सब्जियों के तुलना में अधिक मुनाफा देती है। लेकिन पोषक तत्वों के अभाव में परवल का उत्पादन 20 से 40 प्रतिशत तक कम होता है। इसलिए समय से फसल में खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल करना होता है। तभी फसल से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को परवल में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले नुकसान एवं उचित उर्वरक प्रबंधन बताएंगे। जिससे फसल से अधिक उत्पादन ले सकें। तो जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

परवल में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले नुकसान

  • नाइट्रोजन की कमी से पौधों का रंग हल्का हरा और कल्लों की संख्या कम हो जाती है।

  • नाइट्रोजन की कमी से पत्तियां कभी-कभी जल जाती है।

  • वृक्षों पर फल पकने से पहले गिर जाते हैं।

  • फास्फोरस से पौधों का विकास रुक जाता हैं तथा पत्तियाँ पीली होकर सूख जाती है।

  • पोटाश की कमी से पत्तियों का किनारा कटा-फटा हो जाता है।

  • सल्फर की कमी से पौधे पीले, हरे, पतले और आकार में छोटे हो जाते हैं तथा पौधों का तना पतला और कड़ा हो जाता है।

  • बोरॉन की कमी से फसल की उपज बहुत ही कम होती है।

परवल की फसल में पोषक तत्वों का प्रयोग

  • फसल से बेहतर पैदावार लेने के लिए बुवाई से पहले एक एकड़ खेत में 150 से 200 क्विंटल गोबर खाद का प्रयोग करें।

  • एक एकड़ खेत में 20 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 2-3 क्विंटल नीम की खली, 50 किलोग्राम डीएपी खाद, 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश, 15 किलोग्राम जिंक सल्फेट तथा 10 किलोग्राम बोरेक्स का इस्तेमाल खेत तैयार करते समय करें।

  • फसल में 40 किलोग्राम नाइट्रोजन या 70-90 किलोग्राम यूरिया का इस्तेमाल प्रति एकड़ के हिसाब से करें।

  • नाइट्रोजन को 3 बराबर भागों में बांटकर, एक हिस्से का इस्तेमाल खेत की बुवाई के समय करें।

  • बाकी बची हुई नाइट्रोजन को 30 व 45 दिन बाद के अंतराल पर फसल में छिड़कें।

  • खेत की अंतिम जुताई के समय 20 किलोग्राम फॉस्फोरस का प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।

  • अधिक तापमान होने के कारण फूल गिरने शुरू हो जाते हैं तो इससे बचने के लिए पलैनोफिक्स (एन ए ए) 5 मिलीलीटर को प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर फूल निकलने के समय छिड़काव करें।

  • 20-25 दिन बाद यह स्प्रे दोबारा करें।

परवल से अधिक पैदावार लेने के कुछ अन्य उपाय

  • फसल को खरपतवारों से मुक्त रखें।

  • फसल में नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करते रहें।

  • फसल में सही समय पर कीटनाशकों का प्रयोग करें।

  • फूल आते समय फसल में हल्की सिंचाई करें।

  • समय-समय पर फसल में निराई-गुड़ाई करते रहें।

  • मिट्टी के आधार पर उचित मात्रा में उर्वरकों का इस्तेमाल करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और परवल की फसल में उचित पोषक तत्वों कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।



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